पूर्वानुमान: BY दुर्गेश प्रताप सिंह!
1. 12वें संशोधन (टेट मेरिट) से हुयी भर्तियों का क्या होगा?
उत्तर:- मा० सर्वोच्च न्यायालय के अंतरिम आदेशों से अब तक हुयी 66,555 शिक्षक नियुक्तियाँ सुरक्षित एवं बहाल रहेंगी!
2. 15वें/16वें संशोधन (एकेडेमिक गुणांक प्रणाली) की नियुक्तियाँ?
उत्तर:- यद्यपि उक्त संशोधन से नियुक्ति प्राप्त सभी अभ्यर्थी न्यूनतम शैक्षिक अर्हता धारण करते हैं परन्तु नियोक्ता द्वारा चयन प्रणाली में NCTE के गाइडलाइन के पैरा 9(B) के अनुपालन में टेट स्कोर को वेटेज न देने व मा० उच्च न्यायालय की खंडपीठ द्वारा 20 नवम्बर २०१३ को उक्त नियम असंवैधानिक घोषित करने के बावजूद भी, उन्हीं नियमों पर चयन/भर्ती करने के कारण कुछ महत्वपूर्ण कमियाँ हैं! इस मामले में NCTE भी अपने काउंटर में उन्हीं गाइडलाइन और नोटिफिकेशन को वर्णित कर "NCTE द्वारा जारी गाइडलाइन और नोटिफिकेशन की राज्य पर बाध्यता" सम्बन्धी व्याख्या, सुप्रीमकोर्ट के ऊपर डाल चुका हैं! फ़िलहाल उक्त संशोधन को मा० उच्च न्यायालय ने रद्द कर रखा हैं और नियुक्ति रद्द करने का जिम्मा सर्वोच्च न्यायालय पर डाल रखा हैं! मा० न्यायालय नियुक्ति को पुर्णतः सुरक्षित भी रख सकता हैं या फिर इन्हें 6 माह तक पद पर बनाये रखकर विधिसम्मत प्रक्रिया के अनुरूप नवीन सिलेक्शन लिस्ट बनाकर पुराने नियुक्तियों को रद्द भी कर सकता हैं (जैसा कि त्रिपुरा मामले पर जस्टिस ललित व गोयल जी की बेंच ने किया था)! एतेव इसके लिए जजमेंट आने की प्रतीक्षा करनी होगी!
3. शिक्षामित्र प्रकरण:-
उत्तर:- शिक्षामित्र प्रकरण पर हाईकोर्ट का आदेश यथावत बहाल रहेगा! यद्यपि दयास्वरूप इन्हें 2 से 3 माह तक सहायक अध्यापक पद पर बने रहते ही टेट कम सिलेक्शन टेस्ट में अपनी प्रतिभा का जौहर दिखाने का अवसर मिल सकता हैं, जो क्वालीफाई करेगा वो आगे की भर्ती प्रक्रिया में सहायक अध्यापक बनेगा, अन्यथा शिक्षामित्र पद पर ही 10000 मानदेय के साथ वापसी करेंगे! (जैसा कि त्रिपुरा मामले पर जस्टिस ललित व गोयल जी की बेंच ने किया था)
4. बीएड टेट याची प्रकरण:-
उत्तर:- दि० 2 मई व 19 मई की सुनवाई के दौरान मा० ललित जी के कथनों के अनुसार, यह कह सकता हूँ कि जजमेंट आने के उपरान्त सभी बीएड टेट साथियों को शिक्षक पद पर नियुक्ति के व्यापक अवसर प्राप्त होंगे!
वस्तुतः मैं जज नहीं हूँ, न मेरे इस पोस्ट से न्यायायिक फैसले पर कोई प्रभाव पड़ने वाला हैं! इस मैराथन सुनवाई के दौरान न्यायाधीश महोदय ने सभी बिन्दुवों को गंभीरतापूर्वक सुना हैं, कोई भी बिंदु उनसे नहीं छूटा! लेकिन सुनवाई के दौरान न्यायाधीश महोदय ने यदा-कदा ही अपने विचार दिए हैं, जिससे जजमेंट की यथार्थ व्याख्या अभी नहीं की जा सकती! अतैव उपरोक्त बिंदु सिर्फ मेरे द्वारा इस केस के परिणाम के सन्दर्भ में पूर्वानुमान मात्र हैं! धन्यवाद्!
_____आपका दुर्गेश प्रताप सिंह
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
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2. 15वें/16वें संशोधन (एकेडेमिक गुणांक प्रणाली) की नियुक्तियाँ?
उत्तर:- यद्यपि उक्त संशोधन से नियुक्ति प्राप्त सभी अभ्यर्थी न्यूनतम शैक्षिक अर्हता धारण करते हैं परन्तु नियोक्ता द्वारा चयन प्रणाली में NCTE के गाइडलाइन के पैरा 9(B) के अनुपालन में टेट स्कोर को वेटेज न देने व मा० उच्च न्यायालय की खंडपीठ द्वारा 20 नवम्बर २०१३ को उक्त नियम असंवैधानिक घोषित करने के बावजूद भी, उन्हीं नियमों पर चयन/भर्ती करने के कारण कुछ महत्वपूर्ण कमियाँ हैं! इस मामले में NCTE भी अपने काउंटर में उन्हीं गाइडलाइन और नोटिफिकेशन को वर्णित कर "NCTE द्वारा जारी गाइडलाइन और नोटिफिकेशन की राज्य पर बाध्यता" सम्बन्धी व्याख्या, सुप्रीमकोर्ट के ऊपर डाल चुका हैं! फ़िलहाल उक्त संशोधन को मा० उच्च न्यायालय ने रद्द कर रखा हैं और नियुक्ति रद्द करने का जिम्मा सर्वोच्च न्यायालय पर डाल रखा हैं! मा० न्यायालय नियुक्ति को पुर्णतः सुरक्षित भी रख सकता हैं या फिर इन्हें 6 माह तक पद पर बनाये रखकर विधिसम्मत प्रक्रिया के अनुरूप नवीन सिलेक्शन लिस्ट बनाकर पुराने नियुक्तियों को रद्द भी कर सकता हैं (जैसा कि त्रिपुरा मामले पर जस्टिस ललित व गोयल जी की बेंच ने किया था)! एतेव इसके लिए जजमेंट आने की प्रतीक्षा करनी होगी!
3. शिक्षामित्र प्रकरण:-
उत्तर:- शिक्षामित्र प्रकरण पर हाईकोर्ट का आदेश यथावत बहाल रहेगा! यद्यपि दयास्वरूप इन्हें 2 से 3 माह तक सहायक अध्यापक पद पर बने रहते ही टेट कम सिलेक्शन टेस्ट में अपनी प्रतिभा का जौहर दिखाने का अवसर मिल सकता हैं, जो क्वालीफाई करेगा वो आगे की भर्ती प्रक्रिया में सहायक अध्यापक बनेगा, अन्यथा शिक्षामित्र पद पर ही 10000 मानदेय के साथ वापसी करेंगे! (जैसा कि त्रिपुरा मामले पर जस्टिस ललित व गोयल जी की बेंच ने किया था)
4. बीएड टेट याची प्रकरण:-
उत्तर:- दि० 2 मई व 19 मई की सुनवाई के दौरान मा० ललित जी के कथनों के अनुसार, यह कह सकता हूँ कि जजमेंट आने के उपरान्त सभी बीएड टेट साथियों को शिक्षक पद पर नियुक्ति के व्यापक अवसर प्राप्त होंगे!
वस्तुतः मैं जज नहीं हूँ, न मेरे इस पोस्ट से न्यायायिक फैसले पर कोई प्रभाव पड़ने वाला हैं! इस मैराथन सुनवाई के दौरान न्यायाधीश महोदय ने सभी बिन्दुवों को गंभीरतापूर्वक सुना हैं, कोई भी बिंदु उनसे नहीं छूटा! लेकिन सुनवाई के दौरान न्यायाधीश महोदय ने यदा-कदा ही अपने विचार दिए हैं, जिससे जजमेंट की यथार्थ व्याख्या अभी नहीं की जा सकती! अतैव उपरोक्त बिंदु सिर्फ मेरे द्वारा इस केस के परिणाम के सन्दर्भ में पूर्वानुमान मात्र हैं! धन्यवाद्!
_____आपका दुर्गेश प्रताप सिंह
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