अचयनित साथियों : कोर्ट का आदेश क्या होगा इस बारे में तमाम अनुमान लगाने वाले नेताओं की पोस्ट से डिस्टर्ब ना हों। जिसमें जिसका फायदा है वह उसी को कोर्ट का निर्णय आना बता रहा है। एनसीटीई के जवाब के आधार पर यह तय हो गया कि चयन में टेट मार्क्स को वेटेज देना है या नहीं, इसमे एनसीटीई का कोई हस्तेक्षेप नहीं होगा और यह राज्य का अधिकार है।
टेट मोर्चे के जो नेता आज भी टेट मेरिट के अजर अमर होने का ढोंग पीट रहे हैं उनसे एक सवाल अवश्य है कि सुप्रीम कोर्ट में नए और पुराने विज्ञापन की बहस पूरी होने से पहले एकेडमिक से तदर्थ नियुक्त याचियों को स्थाई नियुक्ति देने पर समझौता करके केस खत्म क्यों करवा दिया। अगर आप सत्य पर थे तो बहस पूरी क्यों नही होने दी और सत्यमेव जयते को स्वार्थमेव जयते में क्यो बदल दिया। क्योकि आपको पता था कि नए विज्ञापन में कोई कमी नहीं और बिना टेट वेटेज के भर्ती हो सकती है। इससे यह भी साबित होता है कि टेट मोर्चे के नेताओं ने जूनियर के विज्ञापन को चुनौती सिर्फ चंदा हड़प कर खाने के लत की वजह से की थी। .......... प्रायः सभीं जो कोर्ट की सुनवाइयों से वाकिफ हैं उनका मानना है कि कोर्ट शिक्षामित्रों को हटाकर या तो सभीं याचियों को नियुक्ति देगी या नए विज्ञापन को पुराने विज्ञापन के साथ बहाल करेगी। समस्त याची राहत के उम्मीद का सबसे बड़ा कारण 841/एकेडमिक के याचियों को नियुक्ति मिलना है जिनमें से बहुतों के टेट मार्क्स काफी कम हैं। अतः उम्मीद है कि कम मार्क्स वालों को नियुक्त रखने के अपने फैसले को न्यायसंगत साबित करने के लिए कोर्ट सभीं याचियों को नियुक्ति दे सकती है। दोनों विज्ञापन के बहाली की उम्मीद इस आधार पर है कि एनसीटीई के जवाब और जूनियर की बहाली के बाद नए विज्ञापन को किसी भी तरह गलत नहीं ठहराया जा सकता। अतः यदि अनेक कमियों से युक्त पुराने विज्ञापन को बहाल किया जाता है तो नया विज्ञापन को भी साथ में बहाल किया जा सकता है। बिहार प्राथमिक भर्ती के केस में भी ऐसा हो चुका है जबकि वहां सरकार बदलने पर बेस ऑफ सेलेक्शन चेंज किया गया था और अंततः सुप्रीम कोर्ट ने दोनों विज्ञापन बहाल किया था। उस आदेश की काँपीे मैने uptet sangh ग्रुप और अन्य कई ग्रुप पर अपलोड किया था। ओपन चैलेंज के भी अनुमान लगाए जा रहे क्या यह सिर्फ अब तक टेट पास के बीच होगा, यह किस प्रकार होगा, इसमें कौन कौन शामिल हो सकेगा, इसपर अलग अलग अनुमान हैं। .......... सुनवाई के अंतिम दिनों में जबकि किसी को भी याची बनाना असंभव था, तब भी कुछ नेताओं ने सर्फ पैसे की लालच में याची बनाने का झूंठा धोखा देकर पैसा वसूला है और इस प्रकार कई सीधे सादे लोगों के साथ विश्वासघात करके उनसे पैसे का शोषण किया है। अंतिम समय में यदि कोई याची बनने के लालच में पैसा दिया हो तो वह यह पूछ लें कि उन्हें याची बनाने के लिए कौन सी आइए और कब दाखिल की गई। ......... अंत में अचयनितो को मेरी सलाह है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने तक अपनी बात सही होने का दावा करने वालों और अपनी पीठ ठोककर खुद को शाबासी देने वालों की पोस्ट से ना तो प्रसन्न हों ना दुखी। कोर्ट का आर्डर कोई नहीं जानता और कोर्ट के ऑर्डर से पहले कुछ नहीं हो सकता। जिन्हें सलाह बुरी लगे उन्हें हर गांव शहर में कई लुटेरे अभीं भी मिल जाएंगे जो आपका खून चूसकर आपको बहला फुसलाकर मुद्रा की डिमांड करेंगे, उनकी तिजोरी भरते रहें। .......... सभीं अचयनित साथियों के चयन की मेरी परमेश्वर से प्रार्थना है। आप भी कीजिये क्योंकि इस समय वही काम आएगी।
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
- उत्तर प्रदेश के 99 हजार शिक्षकों की टेंशन हो गई खत्म, सुप्रीम कोर्ट से आई बड़ी खुशखबरी!
- RTE 2009 के परिप्रेक्ष्य में परिषदीय विद्यालयों में अध्यापकों के पद निर्धारण के संबंध में आदेश जारी
- NCTE ने सुप्रीमकोर्ट अपना जवाब लगा दिया है एकेडमिक प्रणाली से पूर्ण हुई सभी भर्तियां 100% सुरक्षित
- यदि टेट एक पात्रता है तो 72825 भर्ती अवैध
- शिक्षक भर्तियों के सम्बन्ध में NCTE के द्वारा कोर्ट में लगाए गए काउंटर की पठनीय कॉपी
- 99 हजार शिक्षकों की नियुक्ति मामले में NCTE ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा
टेट मोर्चे के जो नेता आज भी टेट मेरिट के अजर अमर होने का ढोंग पीट रहे हैं उनसे एक सवाल अवश्य है कि सुप्रीम कोर्ट में नए और पुराने विज्ञापन की बहस पूरी होने से पहले एकेडमिक से तदर्थ नियुक्त याचियों को स्थाई नियुक्ति देने पर समझौता करके केस खत्म क्यों करवा दिया। अगर आप सत्य पर थे तो बहस पूरी क्यों नही होने दी और सत्यमेव जयते को स्वार्थमेव जयते में क्यो बदल दिया। क्योकि आपको पता था कि नए विज्ञापन में कोई कमी नहीं और बिना टेट वेटेज के भर्ती हो सकती है। इससे यह भी साबित होता है कि टेट मोर्चे के नेताओं ने जूनियर के विज्ञापन को चुनौती सिर्फ चंदा हड़प कर खाने के लत की वजह से की थी। .......... प्रायः सभीं जो कोर्ट की सुनवाइयों से वाकिफ हैं उनका मानना है कि कोर्ट शिक्षामित्रों को हटाकर या तो सभीं याचियों को नियुक्ति देगी या नए विज्ञापन को पुराने विज्ञापन के साथ बहाल करेगी। समस्त याची राहत के उम्मीद का सबसे बड़ा कारण 841/एकेडमिक के याचियों को नियुक्ति मिलना है जिनमें से बहुतों के टेट मार्क्स काफी कम हैं। अतः उम्मीद है कि कम मार्क्स वालों को नियुक्त रखने के अपने फैसले को न्यायसंगत साबित करने के लिए कोर्ट सभीं याचियों को नियुक्ति दे सकती है। दोनों विज्ञापन के बहाली की उम्मीद इस आधार पर है कि एनसीटीई के जवाब और जूनियर की बहाली के बाद नए विज्ञापन को किसी भी तरह गलत नहीं ठहराया जा सकता। अतः यदि अनेक कमियों से युक्त पुराने विज्ञापन को बहाल किया जाता है तो नया विज्ञापन को भी साथ में बहाल किया जा सकता है। बिहार प्राथमिक भर्ती के केस में भी ऐसा हो चुका है जबकि वहां सरकार बदलने पर बेस ऑफ सेलेक्शन चेंज किया गया था और अंततः सुप्रीम कोर्ट ने दोनों विज्ञापन बहाल किया था। उस आदेश की काँपीे मैने uptet sangh ग्रुप और अन्य कई ग्रुप पर अपलोड किया था। ओपन चैलेंज के भी अनुमान लगाए जा रहे क्या यह सिर्फ अब तक टेट पास के बीच होगा, यह किस प्रकार होगा, इसमें कौन कौन शामिल हो सकेगा, इसपर अलग अलग अनुमान हैं। .......... सुनवाई के अंतिम दिनों में जबकि किसी को भी याची बनाना असंभव था, तब भी कुछ नेताओं ने सर्फ पैसे की लालच में याची बनाने का झूंठा धोखा देकर पैसा वसूला है और इस प्रकार कई सीधे सादे लोगों के साथ विश्वासघात करके उनसे पैसे का शोषण किया है। अंतिम समय में यदि कोई याची बनने के लालच में पैसा दिया हो तो वह यह पूछ लें कि उन्हें याची बनाने के लिए कौन सी आइए और कब दाखिल की गई। ......... अंत में अचयनितो को मेरी सलाह है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने तक अपनी बात सही होने का दावा करने वालों और अपनी पीठ ठोककर खुद को शाबासी देने वालों की पोस्ट से ना तो प्रसन्न हों ना दुखी। कोर्ट का आर्डर कोई नहीं जानता और कोर्ट के ऑर्डर से पहले कुछ नहीं हो सकता। जिन्हें सलाह बुरी लगे उन्हें हर गांव शहर में कई लुटेरे अभीं भी मिल जाएंगे जो आपका खून चूसकर आपको बहला फुसलाकर मुद्रा की डिमांड करेंगे, उनकी तिजोरी भरते रहें। .......... सभीं अचयनित साथियों के चयन की मेरी परमेश्वर से प्रार्थना है। आप भी कीजिये क्योंकि इस समय वही काम आएगी।
- NCTE Counter complete Copy : जूनियर में फाइल NCTE का काउंटर: देखें पूरी प्रति
- शिक्षामित्रों के समायोजन के नियम तै करने की ज़िम्मेदारी राज्य सरकार पर : NCTE
- मुख्य विवादित बिंदु : शिक्षामित्रों , 15वें व 16वें संशोधन से हुयी भर्तियों के संदर्भ में : NCTE ACT & RTE ACT पर एक नजर
- जब आदेश आयेगा तब नए विज्ञापन के लोगो को अवश्य लाभ होगा : UPTET न्यू ऐड लीडर VIJENDRA कश्यप
- आदेश रिजर्व होने के बाद यही सवाल , कि जजमेन्ट क्या होगा ? SC से हाई कोर्ट जैसा ऑर्डर नही होगा
- अकेडमिक मामले की सुनवाई : शिक्षक भर्तियों पर आने वाले निर्णय पर सभी लगा रहे अपने-अपने तरीके से अंदाजा
- एकेडमिक बेस पर की गई सभी भर्ती सेफ जोन में : एनसीटीई ने टीईटी का वेटेज देना या ना देना राज्य सरकार अर्थात एपान्टिग अथॉरिटी
- 15 वे,16 वे संसोधन से होने वाली भर्तियों के संदर्भ में ncte ने एफीडेविट किया फाइल जानिए क्या है विशेष
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
0 Comments