पत्रिका स्पेशल: प्राइमरी के मास्टर अब बनाएंगे आधार कार्ड, देखें वीडियो

आगरा। प्राइमरी के मास्टर अब तक बच्चों को पढ़ाई कराने के अलावा मिड डे मील बांटते थे, वोटर कार्ड बनवाते थे, लेकिन अब उन पर एक नई जिम्मेदारी थौपी जा रही है। अब ये मास्टर आधार कार्ड भी बनाएंगे। शासन के निर्देशानुसार इन शिक्षकों को ट्रैनिंग दी जा रही है।
स्कूल में बच्चों के आधार कार्ड बनाने के लिए बाहर से कोई कर्मचारी नहीं बुलाया जाएगा, बल्कि इन्हीं शिक्षकों को विभाग आधार कार्ड के लिए मशीन उपलब्ध कराएगा।

दी गई ट्रैनिंग
मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक गिर्जेश चौधरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इसकी जानकारी शिक्षकों को दी गई। शिक्षकों को बताया गया कि स्कूल में अध्ययन करने वाले शत प्रतिशत बच्चों के आधार कार्ड बनने हैं। अभी तक महज 60 फीसद ही आधार कार्ड बन सकें हैं। शासन का निर्देश है, कि बिना आधार कार्ड के न तो बच्चों को मिड डे मील दिया जाएगा और नाहीं उन्हें ड्रेस मिलेगा। इसका उद्देश्य महज इतना है कि अभी तक जो स्कूल के रजिस्ट्ररों में बच्चों की संख्या अधिक दिखाई जा रही थी या फिर एक बच्चे का दो स्कूलों में नाम चल रहा था। आधार कार्ड बनने के बाद उसके आंकड़े बिलकुल सही विभाग के पास होंगे।

आगरा में इन्हें बनाया गया प्रभारी
आगरा में बच्चों का आधार कार्ड बनाने के लिए नगर मंत्री उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ राजीव वर्मा को प्रभारी बनाया गया है। राजीव वर्मा ने बताया कि यह व्यवस्था उत्तर प्रदेश के सभी शिक्षकों के लिए लागू की गई है। आधार कार्ड बनाने की ट्रैनिंग शिक्षकों को दी जा रही है। इस ट्रैनिंग के बाद शिक्षक खुद ही बच्चों का आधार कार्ड बनाएंगे।

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पढ़ाई कब कराएंगे शिक्षक
राजीव वर्मा ने बताया कि शासन का हर आदेश मानने के लिए तैयार हैं, लेकिन अब समझ ये नहीं आ रहा है, कि इतने काम हो जाएंगे, तो शिक्षक बच्चों को पढ़ाएंगे कब। आधा समय मिड डे मील में निकल जाता है। उसके बाद चुनाव ड्यूटी, वोटर कार्ड बनाने में कभी व्यस्त दिखाई देते हैं, तो कभी पोलियो अभियान में। इन सब काम करने के बाद शिक्षक का बच्चों को पढ़ाई करा पाना बेहद मुश्किल है।

सरकारी स्कूलों की स्थिती
आगरा जनपद में कुल स्कूल 2864
छात्रों की संख्या 1 लाख 60,000 हजार
छात्राओं की संख्या 1 लाख 40,000 हजार
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