अधिक संख्या वाले स्कूलों से हटाए जाएंगे शिक्षक

लखीमपुर: बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में कहीं शिक्षकों की संख्या बच्चों की संख्या के अनुपात से ज्यादा है तो कहीं एक शिक्षामित्र ही स्कूल चला रहे हैं। सरकार के निर्देश पर सरप्लस शिक्षकों को हटाकर उनका समायोजन उन स्कूलों में किया जाना है, जहां शिक्षकों की कमी है।
जिले में कुल 244 शिक्षक सरप्लस हैं। इनमें से 150 महिला व दो दिव्यांग शिक्षकों ने अधिकारियों को विकल्प वाले स्कूलों का नाम दिया।
बता दें कि जिले के 3918 प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूल हैं। इनमें सदर ब्लॉक, पलिया सहित तमाम कस्बाई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां शिक्षकों को नियम कानूनों को ताक पर रखकर तैनात किया गया है। शासन के निर्देश पर तैयार की गई सूची में जो शिक्षक सरप्लस पाए गए थे। उनमें मंगलवार को महिला व दिव्यांग शिक्षकों से उनका विकल्प मांगा गया। शिक्षकों का विकल्प लेने के लिए बीएसए बुद्धप्रिय ¨सह, बीईओ अनुराग मिश्रा, सुरेश पाल, राम तिलक, डायट प्रतिनिधि शशिबाला को 150 महिला व दो दिव्यांग शिक्षकों ने रिक्त पदों वाले स्कूलों का विकल्प दिया। बीएसए ने बताया कि जिन शिक्षकों से विकल्प लिया गया है, उन शिक्षकों को बुधवार को तैनाती का आदेश दे दिया जाएगा। बीएसए ने बताया कि जो सरप्लस वाले शेष शिक्षक बचे हैं, उन्हें भ जल्द ही समायोजित किया जाएगा।
क्या है मानक
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्राथमिक स्कूल के 30 बच्चों पर एक शिक्षक व जूनियर हाईस्कूल के 35 बच्चों पर एक शिक्षक का मानक तय है। हालांकि खीरी जिले में कभी मानकों का पालन नहीं किया गया, लेकिन मौजूदा समय में शिक्षकों की कोई कमी नहीं है। बेसिक शिक्षा विभाग समायोजन के जरिए प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों को मानक के अनुसार तैनात करने का प्रयास कर रहा है।

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