सुलतानपुर: मानदेय बढ़ोत्तरी के लिए राजधानी लखनऊ में धरना-प्रदर्शन और
विधान सभा घेरने जा रहे वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों पर पुलिस भारी
पड़ी।
भनक पाकर सोमवार की रात में ही स्थानीय पुलिस सक्रिय हा गई और कई शिक्षक नेताओं को घर से ही उठा लिया गया। दर्जनों आंदोलनकारी को मंगलवार की सुबह रेलवे स्टेशन व बस स्टेशन से हिरासत में ले लिए गए।
माध्यमिक शिक्षक संघ वित्तविहीन गुट व उत्तर प्रदेश शिक्षक महासभा के आह्वान पर मानदेय बढ़ोत्तरी व विनियमितीकरण के मुद्दे पर राजधानी लखनऊ में शिक्षकों का धरना-प्रदर्शन और विधान सभा घेराव का कार्यक्रम मंगलवार को प्रस्तावित था। जिसके लिए कई दिनों से शिक्षक नेता तैयारी कर रहे थे। उधर, विधान सभा में विस्फोटक सामग्री मिलने के बाद से ही शासन-प्रशासन व पुलिस हाईअलर्ट पर है। शिक्षकों के आंदोलन की भनक पाकर स्थानीय पुलिस ने माशिसं वित्तविहीन के जिलाध्यक्ष हरिद्वार ¨सह को उनके आवास पर से सोमवार की रात उठा लिया और कोतवाली ले आई। सुबह धर-पकड़ ज्यादा तेज रही। रेलवे स्टेशन व बस स्टेशन पर अभिसूचना इकाई के कर्मियों के साथ नगर कोतवाली पुलिस ने छापेमारी करके देवेंद्र कुमार पाठक, राजकुमार पांडेय, रवींद्र कुमार पांडेय, श्रीकांत त्रिपाठी, जेपी त्रिपाठी, राजेंद्र कुमार ¨सह, रवींद्र कुमार पांडेय, श्रीकांत त्रिपाठी, जेपी त्रिपाठी, राजेंद्र ¨सह, विकास मिश्रा व विवेक शर्मा आदि दर्जनों शिक्षकों को वाहनों पर से उतार लिया और उन्हें भी हिरासत में लेकर कोतवाली में बैठा दिया। शिक्षकों ने प्रशासन के इस कदम की कड़ी ¨नदा की है और लोकतांत्रिक हितों के विरुद्ध बताया है। संगठन पदाधिकारियों का कहना है कि हम अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं वह भी लोकतंत्र मर्यादा के अंतर्गत। प्रशासन का कदम कायरतापूर्ण है। जिसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।
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भनक पाकर सोमवार की रात में ही स्थानीय पुलिस सक्रिय हा गई और कई शिक्षक नेताओं को घर से ही उठा लिया गया। दर्जनों आंदोलनकारी को मंगलवार की सुबह रेलवे स्टेशन व बस स्टेशन से हिरासत में ले लिए गए।
माध्यमिक शिक्षक संघ वित्तविहीन गुट व उत्तर प्रदेश शिक्षक महासभा के आह्वान पर मानदेय बढ़ोत्तरी व विनियमितीकरण के मुद्दे पर राजधानी लखनऊ में शिक्षकों का धरना-प्रदर्शन और विधान सभा घेराव का कार्यक्रम मंगलवार को प्रस्तावित था। जिसके लिए कई दिनों से शिक्षक नेता तैयारी कर रहे थे। उधर, विधान सभा में विस्फोटक सामग्री मिलने के बाद से ही शासन-प्रशासन व पुलिस हाईअलर्ट पर है। शिक्षकों के आंदोलन की भनक पाकर स्थानीय पुलिस ने माशिसं वित्तविहीन के जिलाध्यक्ष हरिद्वार ¨सह को उनके आवास पर से सोमवार की रात उठा लिया और कोतवाली ले आई। सुबह धर-पकड़ ज्यादा तेज रही। रेलवे स्टेशन व बस स्टेशन पर अभिसूचना इकाई के कर्मियों के साथ नगर कोतवाली पुलिस ने छापेमारी करके देवेंद्र कुमार पाठक, राजकुमार पांडेय, रवींद्र कुमार पांडेय, श्रीकांत त्रिपाठी, जेपी त्रिपाठी, राजेंद्र कुमार ¨सह, रवींद्र कुमार पांडेय, श्रीकांत त्रिपाठी, जेपी त्रिपाठी, राजेंद्र ¨सह, विकास मिश्रा व विवेक शर्मा आदि दर्जनों शिक्षकों को वाहनों पर से उतार लिया और उन्हें भी हिरासत में लेकर कोतवाली में बैठा दिया। शिक्षकों ने प्रशासन के इस कदम की कड़ी ¨नदा की है और लोकतांत्रिक हितों के विरुद्ध बताया है। संगठन पदाधिकारियों का कहना है कि हम अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं वह भी लोकतंत्र मर्यादा के अंतर्गत। प्रशासन का कदम कायरतापूर्ण है। जिसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।
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