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शिक्षामित्रों ने किया मंत्री सिद्धार्थनाथ के घर का घेराव, महिलाएं फूट-फूटकर रोईं

इलाहाबाद : समायोजन निरस्त होने से परेशान शिक्षामित्रों ने शुक्रवार को भी सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शन किया। वह सुबह से ही शिक्षा निदेशालय में डटे रहे। यहां से तीन बजे चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के राजापुर स्थित आवास की तरफ कूच कर गए।
सिद्धार्थनाथ सिंह के जैसे ही एयरपोर्ट पर पहुंचने की सूचना मिली शिक्षामित्र नारेबाजी करने लगे। शिक्षामित्रों ने भाजपा की तर्ज पर नारा लगाया ‘एक ही नारा एक ही नाम त्रहिमाम त्रहिमाम’ सिद्धार्थ नाथ सिंह अपने आवास पर करीब पौने चार बजे पहुंचे। उनके पहुंचने पर शिक्षामित्रों ने गगनभेदी नारेबाजी शुरू कर दी। शिक्षामित्रों ने उन्हें घेर लिया। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने शिक्षामित्रों को संबोधित किया और हर संभव मदद की बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षामित्रों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर रही है। बाद में एक प्रतिनिधिमंडल भी मंत्री से मिला और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में शिक्षामित्र संघर्ष समिति के बैनर तले उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वसीम अहमद, आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अश्वनी त्रिपाठी, महामंत्री जनार्दन पांडेय, महामंत्री अरुण कुमार सिंह, शिवपूजन सिंह आदि रहे।

महिलाएं फूट-फूटकर रोईं : मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के पहुंचने पर महिला शिक्षामित्र भावुक हो गईं। रोजी-रोटी छिनने व घर-परिवार बिखरने की दुहाई देकर फूट-फूटकर रोने लगीं। यह सब देख मंत्री भी असहज हो गए और यथासंभव मदद का भरोसा दिलाया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का आदेश होने के कारण हस्तक्षेप से इन्कार किया।

आज जिले के सभी बीआरसी पर होगा प्रदर्शन : उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वसीम अहमद ने बताया कि शनिवार को जनपद के सभी 20 बीआरसी पर शिक्षामित्र एकत्र होकर प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा। वसीम ने कहा कि जब तक सरकार सार्वजनिक रूप से कोई ठोस आश्वासन का बयान नहीं देती हमारा प्रदर्शन चलता रहेगा।

शिक्षामित्रों को नियमित करे सरकार : विनोद
इलाहाबाद : लोकसभा के शून्यकाल में भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा अध्यक्ष व कौशांबी सांसद विनोद सोनकर ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा 1.78 लाख शिक्षामित्रों का समायोजन रद करने के फैसले पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि उन्हें नियमित किया जाना चाहिए। शिक्षामित्र लंबे समय से अध्ययन व अध्यापन का कार्य कर रहे हैं। अध्यापन का उन्हें अच्छा अनुभव प्राप्त है। इनके परिश्रम को देखते हुए सरकार नियम बनाकर उन्हें अध्यापक का दर्जा दे, ऐसा न करने पर उनका भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। साथ ही शिक्षामित्रों के साथ उनका परिवार भी प्रभावित होगा।

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