रामपुर। देश मे शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए भले ही केंद्र और प्रदेश सरकार योजना पर योजना बना रही हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अौर ही है। ये योजनाएं पूरी तरह से लागू नहीं हो पा रही हैं।
दरअसल, मिलक विधानसभा विधायक राजबाला सोमवार को ठिरिया बेसिक स्कूल पहुंचे। वहां उन्होंने प्रिंसिपल से सवाल पूछा तो वो बेहोश गए। क्लास में बैठे बच्चों के सामने प्रिंसिपल जमीन पर पड़े रहे। जब उन्हें होश आया तो वो चुपचाप वहां से निकल गए। राजबाला ने कहा, बच्चे तो छोडि़ए, यहां तो प्रिंसिपल का बुरा हाल है। उन्होंने जब प्रिंसिपल से राज्यपाल का नाम पूछा था तो वो बेहोश हो गए। अब पता नहीं खुद हुए या ऐसे ही कर रहे थे। बच्चों की शिकायतें भी बहुत ज्यादा हैं। सड़कें खराब हैं। स्कूल में सब कुछ अच्छा नहीं है। जनरल नॉलिज की बात करें तो बच्चों को ना तो प्रधानमंत्री के नाम का पता था और ना ही मुख्यमंत्री का।
बच्चों को नहीं मिली किताबें
मिलक विधानसभा के ठिरिया गांव के बेसिक स्कूल में क्लास 1 से लेकर 5 तक स्टूडेंट्स एक जगह बैठे थे। मात्र 10 प्रतिशत बच्चों को ही किताबें मिली थीं। सवाल पूछने पर बच्चे जवाब नहीं दे पा रहे थे। कई जगह का आलम यह रहा कि बच्चों के बैठने का कोई इंतज़ाम नहीं था। और ना ही कोई फैसिलिटी टीचर को मिली थी। स्कूलों के रास्ते भी पक्के नहीं थे। स्कूल के बाहर और गांव में सड़कों की बदहाल स्थिति देखने को मिली।
विधायक को आया गुस्सा
निरीक्षण के दौरान विधायक राजबाला को उस वक्त गुस्सा आ गया जब स्कूल की छुट्टी के समय भी मिडडे मील का खाना तैयार नहीं हुआ था। उन्होंने इस मामले की शिकायत करने की बात कही है। वहीं, विधायक राजबाला ने एक स्कूल में बच्चों के साथ बैठकर खाना खाया और बच्चों को लगातार स्कूल आने के लिए कहा।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
- UPTET SHIKSHAMITRA NEWS: शिक्षामित्रों व टीईटी अभ्यर्थियों का तनाव बढ़ा
- ५ जुलाई तक नहीं आ पाएगा शिक्षामित्र केस का फैसला, क़िस्मत के खेल निराले मेरे भैया
- 7 वे वेतन निर्धारण के अनुसार 1-1-2017 से 30-4-2017 तक अपने मूल वेतन के अनुसार अपना एरियर देखें
- समस्त गुणांक पर केवल 72825 को छोड़कर समस्त बीएड अभ्यर्थियों के लिए विचार किया जाना संभव नहीं : हिमांशु राणा
दरअसल, मिलक विधानसभा विधायक राजबाला सोमवार को ठिरिया बेसिक स्कूल पहुंचे। वहां उन्होंने प्रिंसिपल से सवाल पूछा तो वो बेहोश गए। क्लास में बैठे बच्चों के सामने प्रिंसिपल जमीन पर पड़े रहे। जब उन्हें होश आया तो वो चुपचाप वहां से निकल गए। राजबाला ने कहा, बच्चे तो छोडि़ए, यहां तो प्रिंसिपल का बुरा हाल है। उन्होंने जब प्रिंसिपल से राज्यपाल का नाम पूछा था तो वो बेहोश हो गए। अब पता नहीं खुद हुए या ऐसे ही कर रहे थे। बच्चों की शिकायतें भी बहुत ज्यादा हैं। सड़कें खराब हैं। स्कूल में सब कुछ अच्छा नहीं है। जनरल नॉलिज की बात करें तो बच्चों को ना तो प्रधानमंत्री के नाम का पता था और ना ही मुख्यमंत्री का।
बच्चों को नहीं मिली किताबें
मिलक विधानसभा के ठिरिया गांव के बेसिक स्कूल में क्लास 1 से लेकर 5 तक स्टूडेंट्स एक जगह बैठे थे। मात्र 10 प्रतिशत बच्चों को ही किताबें मिली थीं। सवाल पूछने पर बच्चे जवाब नहीं दे पा रहे थे। कई जगह का आलम यह रहा कि बच्चों के बैठने का कोई इंतज़ाम नहीं था। और ना ही कोई फैसिलिटी टीचर को मिली थी। स्कूलों के रास्ते भी पक्के नहीं थे। स्कूल के बाहर और गांव में सड़कों की बदहाल स्थिति देखने को मिली।
विधायक को आया गुस्सा
निरीक्षण के दौरान विधायक राजबाला को उस वक्त गुस्सा आ गया जब स्कूल की छुट्टी के समय भी मिडडे मील का खाना तैयार नहीं हुआ था। उन्होंने इस मामले की शिकायत करने की बात कही है। वहीं, विधायक राजबाला ने एक स्कूल में बच्चों के साथ बैठकर खाना खाया और बच्चों को लगातार स्कूल आने के लिए कहा।
- संघर्ष के 6 वर्षों में NCTE की भूमिका पर पोस्ट और उसका विस्तार : S K Pathak
- शिक्षामित्रो की जीत का रहस्य : शिक्षामित्रों के संदर्भ NCTE ACT & RTE ACT मुख्य विवादित बिंदु
- सर्वोच्च न्यायालय से 2011 विज्ञापन में कोई फेरबदल होना असंभव , आदेश पर ही सब कुछ होगा स्पष्ट
- SC के संभावित आर्डर : 12 वा और 15,16 इन दोनों संशोधन में से एक संशोधन ही बचेगा
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines