ALLAHABAD: जिले के परिषदीय स्कूलों में तैनात सहायक अध्यापकों की टेंशन काफी बढ़ी हुई है. इसके पीछे कारण जिले में सरप्लस शिक्षकों की सूची तैयार होनी है. दूसरे स्कूलों में समायोजित होने की बात को लेकर शिक्षक खासे परेशान हैं. इसके लिए जुगाड़ लगाना भी शुरू कर दिया है.
प्राइमरी में सबसे अधिक शिक्षक
सरप्लस शिक्षकों की संख्या सबसे अधिक प्राइमरी स्कूलों में है. जूनियर हाईस्कूल स्तर के स्कूलों में यह संख्या कम है. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय कुमार कुशवाहा ने बताया कि जूनियर व प्राथमिक स्कूलों में सरप्लस शिक्षकों की गणना और उनसे संबंधित डेटा का कार्य पूरा कर लिया गया है. खंडवार सरप्लस शिक्षकों का डेटा तैयार किया जा रहा है. सरप्लस शिक्षकों का डेटा तैयार होने के बाद समायोजन का कार्य किया जाएगा. निर्धारित समय 18 जुलाई तक सरप्लस शिक्षकों के समायोजन का कार्य पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है.
21 जिलों ने नहीं अपलोड किया डाटा
सूबे के परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों का डाटा आनलाइन करने के आदेश के बाद भी अभी तक 21 जिलों ने इसे वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया है. परिषद की ओर से मांगे गए जवाब में इन सभी जिलों से अलग-अलग बहाने प्रस्तुत किए गए हैं.
शिक्षकों के जनपद के भीतर स्थानांतरण, समायोजन के लिए सैलरी डाटा में सरप्लस शिक्षकों के चिन्हांकन, जोन का चिन्हांकन तथा पैन नम्बर, आधार नम्बर भरते हुए एनआईसी की वेबसाइट पर अपलोड किए जाने को लेकर सूबे के 21 जिलों ने अलग-अलग समस्याएं परिषद को बताई. मेरठ ने कई बार रीमाइंडर भेजने पर दो दिन का समय मांगा तो बुलंदशहर के बीएसए ने लिस्ट को डीएम को देखने का बहाना बनाया. परिषद की ओर से ऐसे सभी 21 जिलों मेरठ, बुलंदशहर, हाथरस, भदोही, लखनऊ, हरदोई, रायबरेली, उन्नाव, गोरखपुर, देवरिया, बस्ती, संतकबीरनगर, जालौन, बांदा, कानपुर देहात, फरूखाबाद, आजमगढ़, बलिया, शामली बाराबंकी और सम्भल जिलों से डाटा अपलोड नहीं किए जाने की जानकारी शासन को भेजी गई है.
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प्राइमरी में सबसे अधिक शिक्षक
सरप्लस शिक्षकों की संख्या सबसे अधिक प्राइमरी स्कूलों में है. जूनियर हाईस्कूल स्तर के स्कूलों में यह संख्या कम है. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय कुमार कुशवाहा ने बताया कि जूनियर व प्राथमिक स्कूलों में सरप्लस शिक्षकों की गणना और उनसे संबंधित डेटा का कार्य पूरा कर लिया गया है. खंडवार सरप्लस शिक्षकों का डेटा तैयार किया जा रहा है. सरप्लस शिक्षकों का डेटा तैयार होने के बाद समायोजन का कार्य किया जाएगा. निर्धारित समय 18 जुलाई तक सरप्लस शिक्षकों के समायोजन का कार्य पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है.
21 जिलों ने नहीं अपलोड किया डाटा
सूबे के परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों का डाटा आनलाइन करने के आदेश के बाद भी अभी तक 21 जिलों ने इसे वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया है. परिषद की ओर से मांगे गए जवाब में इन सभी जिलों से अलग-अलग बहाने प्रस्तुत किए गए हैं.
शिक्षकों के जनपद के भीतर स्थानांतरण, समायोजन के लिए सैलरी डाटा में सरप्लस शिक्षकों के चिन्हांकन, जोन का चिन्हांकन तथा पैन नम्बर, आधार नम्बर भरते हुए एनआईसी की वेबसाइट पर अपलोड किए जाने को लेकर सूबे के 21 जिलों ने अलग-अलग समस्याएं परिषद को बताई. मेरठ ने कई बार रीमाइंडर भेजने पर दो दिन का समय मांगा तो बुलंदशहर के बीएसए ने लिस्ट को डीएम को देखने का बहाना बनाया. परिषद की ओर से ऐसे सभी 21 जिलों मेरठ, बुलंदशहर, हाथरस, भदोही, लखनऊ, हरदोई, रायबरेली, उन्नाव, गोरखपुर, देवरिया, बस्ती, संतकबीरनगर, जालौन, बांदा, कानपुर देहात, फरूखाबाद, आजमगढ़, बलिया, शामली बाराबंकी और सम्भल जिलों से डाटा अपलोड नहीं किए जाने की जानकारी शासन को भेजी गई है.
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