वाराणसी (आशुतोष त्रिपाठी) : उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा को लेकर हर दिन नए नए प्रयोग कर रही है ताकि शिक्षा का स्तर सुधारा जा सके मगर वाराणसी जिले के ग्रामीण इलाकों के चुनिंदा बड़े स्कूलों में से एक जगरदेव तकनीकी माध्यमिक विद्यालय व प्राइमरी पाठशाला का शिक्षा स्तर बेहद खराब है।
कुछ शिक्षकों के विलंब से अाने और कुछ के न आने के चलते यहां का पठन-पाठन बुरी तरह से प्रभावित है इस स्कूल में अधिकांश ग्रामीण इलाकों के बालक-बालिकाएं अध्ययन करने के लिए आते हैं ताकि उनका बौद्धिक और सामाजिक विकास हो सके लेकिन अध्यापकों के मनमानी रवैया के चलते पठन पाठन पूरी तरह से ठप है।
स्कूली छात्र छात्राओं ने बताया कि स्कूल का समय सुबह 8:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक है 1 जुलाई से स्कूल खुलने के बावजूद कोई शिक्षक कभी भी समय पर नहीं आता कभी कोई 10:00 बजे तो कोई 11:00 बजे तो कोई आता ही नहीं।
देर से आते हैं, शिक्षक नहीं होता राष्ट्रगान
राष्ट्रगान ऐसा गान होता है जो देश के इतिहास व परंपरा को दर्शाता है इसे खासकर शिक्षण संस्थानों में रोजाना पढ़ाई के पहले जाकर दिन की शुरुआत की जाती है ताकि बच्चों के मन में उनके देश के प्रति सम्मान व एकजुटता की भावना भरी जा सके यह अनिवार्य भी है लेकिन हैरानी की बात है कि शिक्षकों के समय पर न आने के चलते स्कूल में राष्ट्रगान (प्रार्थना) नही हो पाता।
जगरदेव तकनीकी माध्यमिक विद्यालय व प्राइमरी पाठशाला का शिक्षा स्तर बेहद खराब है।
छात्र खोलते हैं स्कूल, लगाते हैं झाड़ू
छात्रों ने यहां तक कहा कि कभी कभी हम लोगों को स्वयं चाबी लाकर स्कूल का गेट खोलना पड़ता है। स्कूल में कभी-कभार ही साफ सफाई होती है गंदगी देखकर हम लोग स्वयं झाड़ू लेकर विद्यालय साफ करते रहते हैं
प्रधानाचार्य लगे बगली झांकने
इस मामले में खुद डेढ़ घंटे विलंब से पहुंचे प्रधानाचार्य अनुराग कुमार से पूछा गया तो बगली झांकते हुए हुए कहा कि कभी कभार देर हो जाती है आज देरी का कारण गाड़ी खराब हो जाना रहा।
प्रधानाचार्य से जब अन्य शिक्षकों के देर से आने या ना आने का कारण पूछा गया तो उनका कहना था यह उनकी लापरवाही है इस बारे में मैनेजमेंट ही फैसला लेगा।
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कुछ शिक्षकों के विलंब से अाने और कुछ के न आने के चलते यहां का पठन-पाठन बुरी तरह से प्रभावित है इस स्कूल में अधिकांश ग्रामीण इलाकों के बालक-बालिकाएं अध्ययन करने के लिए आते हैं ताकि उनका बौद्धिक और सामाजिक विकास हो सके लेकिन अध्यापकों के मनमानी रवैया के चलते पठन पाठन पूरी तरह से ठप है।
स्कूली छात्र छात्राओं ने बताया कि स्कूल का समय सुबह 8:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक है 1 जुलाई से स्कूल खुलने के बावजूद कोई शिक्षक कभी भी समय पर नहीं आता कभी कोई 10:00 बजे तो कोई 11:00 बजे तो कोई आता ही नहीं।
देर से आते हैं, शिक्षक नहीं होता राष्ट्रगान
राष्ट्रगान ऐसा गान होता है जो देश के इतिहास व परंपरा को दर्शाता है इसे खासकर शिक्षण संस्थानों में रोजाना पढ़ाई के पहले जाकर दिन की शुरुआत की जाती है ताकि बच्चों के मन में उनके देश के प्रति सम्मान व एकजुटता की भावना भरी जा सके यह अनिवार्य भी है लेकिन हैरानी की बात है कि शिक्षकों के समय पर न आने के चलते स्कूल में राष्ट्रगान (प्रार्थना) नही हो पाता।
जगरदेव तकनीकी माध्यमिक विद्यालय व प्राइमरी पाठशाला का शिक्षा स्तर बेहद खराब है।
छात्र खोलते हैं स्कूल, लगाते हैं झाड़ू
छात्रों ने यहां तक कहा कि कभी कभी हम लोगों को स्वयं चाबी लाकर स्कूल का गेट खोलना पड़ता है। स्कूल में कभी-कभार ही साफ सफाई होती है गंदगी देखकर हम लोग स्वयं झाड़ू लेकर विद्यालय साफ करते रहते हैं
प्रधानाचार्य लगे बगली झांकने
इस मामले में खुद डेढ़ घंटे विलंब से पहुंचे प्रधानाचार्य अनुराग कुमार से पूछा गया तो बगली झांकते हुए हुए कहा कि कभी कभार देर हो जाती है आज देरी का कारण गाड़ी खराब हो जाना रहा।
प्रधानाचार्य से जब अन्य शिक्षकों के देर से आने या ना आने का कारण पूछा गया तो उनका कहना था यह उनकी लापरवाही है इस बारे में मैनेजमेंट ही फैसला लेगा।
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