सरकार के लिए आसान नहीं होगा शिक्षामित्रों का समायोजन
बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी, उर्दू बीटीसी, बीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त एवं टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने किया विरोध
आश्रम पद्धति से भी शिक्षामित्रों के समायोजन के खिलाफ, सरकार को न्यायालय जाने की दी चेतावनीअमर उजाला ब्यूरो इलाहाबाद। शिक्षामित्रों को टीईटी में 25 प्रतिशत अंक का भारांक देने का फैसला भले कर लिया हो लेकिन इसे अमली जामा पहना सरकार के लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि बीटीसी एवं विशिष्ट बीटीसी, उर्दू बीटीसी, बीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त तथा टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। वे आश्रम पद्धति के माध्यम से भी शिक्षामित्रों के समायोजन के खिलाफ हैं। उन्होंने इसके खिलाफ न्यायालय में भी जाने की चेतावनी दे दी है।
विशिष्ट बीटीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह एवं बीटीसी मोर्चा के अध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सोमवंशी का कहना है कि बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी, उर्दू बीटीसी, बीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त तथा टीईटी उत्तीर्ण सरकार की नीति से असहाय महसूस कर रहे हैं। इसके खिलाफ 28 अगस्त को लखनऊ स्थित लक्ष्मण मेला मैदान में धरने पर बैठेंगे, क्योंकि कई माह बीत जाने के बाद भी सरकार 75 हजार शिक्षकों की भर्ती पर अमल नहीं कर रही है। चेतावनी दी कि शिक्षामित्रों को 25 प्रतिशत भारांक एवं आश्रम पद्धति से संविदा शिक्षक बनाया गया तो बीटीसी, टीईटी उत्तीर्ण प्रशिक्षु चुप नहीं बैठेंगे। इंसाफ के लिए उच्च न्यायालय से उच्चतम न्यायालय तक गुहार लगाई जाएगी।
उन्होंने आश्रम पद्धति में भी खुली भर्ती की मांग की है। उनका कहना है कि बीटीसी 2010, 2011, 2012 एवं 2013 तथा विशिष्ट बीटीसी, उर्दू बीटीसी, बीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त तथा टीईटी उत्तीर्ण को यह भय है कि बीटीसी 2014 सत्र का क्रियात्मक चतुर्थ सेमेस्टर का परिणाम आ जाता है तो ये पुराने बैच के प्रशिक्षु नहीं हो पाएंगे। इसलिए टीईटी 2017 कराने के पहले 75 हजार भर्ती की जाए।
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आश्रम पद्धति से भी शिक्षामित्रों के समायोजन के खिलाफ, सरकार को न्यायालय जाने की दी चेतावनीअमर उजाला ब्यूरो इलाहाबाद। शिक्षामित्रों को टीईटी में 25 प्रतिशत अंक का भारांक देने का फैसला भले कर लिया हो लेकिन इसे अमली जामा पहना सरकार के लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि बीटीसी एवं विशिष्ट बीटीसी, उर्दू बीटीसी, बीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त तथा टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। वे आश्रम पद्धति के माध्यम से भी शिक्षामित्रों के समायोजन के खिलाफ हैं। उन्होंने इसके खिलाफ न्यायालय में भी जाने की चेतावनी दे दी है।
विशिष्ट बीटीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप सिंह एवं बीटीसी मोर्चा के अध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सोमवंशी का कहना है कि बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी, उर्दू बीटीसी, बीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त तथा टीईटी उत्तीर्ण सरकार की नीति से असहाय महसूस कर रहे हैं। इसके खिलाफ 28 अगस्त को लखनऊ स्थित लक्ष्मण मेला मैदान में धरने पर बैठेंगे, क्योंकि कई माह बीत जाने के बाद भी सरकार 75 हजार शिक्षकों की भर्ती पर अमल नहीं कर रही है। चेतावनी दी कि शिक्षामित्रों को 25 प्रतिशत भारांक एवं आश्रम पद्धति से संविदा शिक्षक बनाया गया तो बीटीसी, टीईटी उत्तीर्ण प्रशिक्षु चुप नहीं बैठेंगे। इंसाफ के लिए उच्च न्यायालय से उच्चतम न्यायालय तक गुहार लगाई जाएगी।
उन्होंने आश्रम पद्धति में भी खुली भर्ती की मांग की है। उनका कहना है कि बीटीसी 2010, 2011, 2012 एवं 2013 तथा विशिष्ट बीटीसी, उर्दू बीटीसी, बीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त तथा टीईटी उत्तीर्ण को यह भय है कि बीटीसी 2014 सत्र का क्रियात्मक चतुर्थ सेमेस्टर का परिणाम आ जाता है तो ये पुराने बैच के प्रशिक्षु नहीं हो पाएंगे। इसलिए टीईटी 2017 कराने के पहले 75 हजार भर्ती की जाए।
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