Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

Shikshamitra: शिक्षामित्रों के आंदोलन से प्राथमिक शिक्षा हुई बेपटरी

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समायोजन निरस्त होने के बाद अपनी रोजी रोटी की लड़ाई को लेकर सड़कों पर उतरे बलिया जनपद के लगभग 32 सौ शिक्षामित्रों के विद्यालय न जाने के कारण जनपद की प्राथमिक शिक्षा पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है ।

शिक्षामित्रों ने जहां अपने सम्मान बहाली के लिए आंदोलन का रुख अख्तियार किया है, वहीं शिक्षामित्रों के भरोसे जनपद में चल रहे सैकड़ों विद्यालयों में पूरी तरह से ताले लटक चुके हैं। आलम यह है कि जनपद के अधिकतर प्राथमिक विद्यालय शिक्षामित्रों के ही भरोसे संचालित हो रहे थे।
समायोजन 25 जुलाई को निरस्त होने के बाद शिक्षामित्र आंदोलन का रास्ता पकड़ लि;द्म । ऐसे में सरकार द्वारा बार-बार यह कहा जा रहा है शिक्षामित्र विद्यालयों में पठन पाठन का कार्य करें।
लेकिन प्रदेश के शिक्षा मित्र इस पशोपेश में पड़े हैं कि शिक्षामित्र किस हैसियत से विद्यालय जाएं और किस विद्यालय पर जाएं। सरकार उन्हें किस पद पर रखेगी यह उनकी समझ में नहीं आ रहा है । हालांकि शिक्षामित्रों के विद्यालय न जाने के बाद बंद पड़े विद्यालयों में किसी तरह शिक्षा विभाग के बीआरसी एवं एनपीआरसी अनुदेशकों एवं अन्य विद्यालयों के अध्यापकों से विद्यालय खुलवाने का काम तो कर रहे हैं। लेकिन विद्यालय की पठन पाठन व्यवस्था पूर्ण रूप से संचालित नहीं हो पा रही है ।
हालांकि सरकार के आश्वासन के बाद शिक्षामित्रों ने कई बार अपना आंदोलन वापस लेते हुए विद्यालयों का रुख तो कर लिया है, लेकिन उनके मन में अभी भी अपने भविष्य को लेकर हमेशा अनिश्चितता बनी हुई है। उनका मन विद्यालयों के पठन पाठन की व्यवस्था में नहीं लग रहा है ।
आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष काशी नाथ यादव एवं जिला मंत्री जितेंद्र कुमार राय ने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में 17 साल से शिक्षण कार्य कर रहे शिक्षामित्रों के समायोजन निरस्त होने के कारण उनके समक्ष उत्पन्न हुई रोजी रोटी की समस्या को सरकार द्वारा गंभीरता से लेते हुए इसका सम्मानजनक समाधान करना चाहिए। ताकि प्रदेश में शिक्षामित्रों कोई अप्रिय घटना मजबूर होकर न कर बैठे।

sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

إرسال تعليق

0 تعليقات

latest updates

latest updates

Random Posts