उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा मित्र अवैध समायोजन मामले मे असोसियेशन द्वारा दायर याचिकाओं पर मा॰ सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश के अनुक्रम मे निर्णय लिया गया है । उक्त निर्णय मे निम्न महत्वपूर्ण बाते हैं :-
1- नियम 16 (क) का निरसन : उत्तर प्रदेश आरटीई रूल्स के प्रथम संशोधन से शिक्षा मित्रों को टी ई टी से छूट प्रदान की गयी थी । जिस न्यायालय ने असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया । इस नियम को सरकार अपनी नियमावली से खत्म करेगी ।
2- उक्त याचिकाओं मे सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि बेसिक सेवा भर्ती (अध्यापक) नियमावली , 1981 के उन्नीसवें संशोधन को रद्द किया जाता है । इस संशोधन मे "शिक्षा मित्र " काडर जोड़ा गया , उम्र सीमा मे छूट दी गयी और शैक्षिक अर्हता मे छूट दी गयी । 60 वर्ष की आयु सीमा कि छूट भी रद्द हो चुकी है । अतः पुनः संशोधन करते हुए उम्र सीमा की छूट देनी होगी तथा भारांक देना होगा । हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने भारांक देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को बाध्य नही किया था फिर अवैध रूप से भारांक दिया जा रहा है ।
3- अवैध समायोजन से रद्द हुए 1,37,000 रिक्त पदों को भरने के लिए सरकार ने नए मानक तय किए हैं । लिखित परीक्षा कराने के दिशा निर्देश , न्यूनतम अंक आदि कि ज़िम्मेदारी राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद को दी गयी है । जबकि ये काम एससीईआरटी से नही कराया जा सकता है । एससीईआरटी का स्कोप महज प्रशिक्षण तक ही सीमित है । बेसिक शिक्षा एक्ट , 1972 और बेसिक सेवा भर्ती (अध्यापक) नियमावली , 1981 मे नियुक्ति संबंधी निर्णय हेतु प्रस्ताव भेजने का अधिकार केवल और केवल बेसिक शिक्षा परिषद को ही है फिर भी यह कार्य एससीईआरटी को सौंपा जा रहा है ।
शासन के सचिव ने यहा पर ग्रेडिंग मामले मे दिनांक 20 सितंबर मे पारित आदेश अंतिम लाइन के आधार पर पदों को भरने का नियंम आदि बनाने का काम एससीईआरटी को सौंप दिया है । ग्रेडिंग मामले मे प्रोपोजल पीएनपी को देने को कहा गया था जो की एससीईआरटी का ही अंग है । (ऐसा मेरा व्यक्तिगत मत है कि सरकार 12460 के मूल विज्ञापन मे भी दखल कि योजना पर कार्य कर रही है )
4- लिखित परीक्षा के प्राप्तांक का 60 % लिया जाएगा । यहा यह महत्वपूर्ण होगा कि परीक्षा पास करने के लिए न्यूनतम कितने प्रतिशत अंक आवश्यक हैं । 25 अंक भारांक मामले मे , लिखित परीक्षा का पूर्णांक जितना अधिक होगा सामान्य बी टी सी अभ्यर्थियों को अवैध भारांक का उतना ही कम नुकसान उठाना होगा ।
नोट : बी टी सी बेरोजगार अधिक से अधिक पदों को जल्द से जल्द विज्ञापित कराये जाने की रणनीति पर विचार करें क्योंकि टी ई टी परीक्षा व उसका परिणाम , लिखित परीक्षा + तैयारी का समय + आयोजन + परिणाम आदि होने मे सरकार कम से कम 8 माह का समय लेगी । बी टी सी बेरोजगारों को समय कम कराते हुए नियुक्ति का प्रयास करना होगा । भारांक मामले पर कोर्ट कि कार्यवाही विस्तृत शासनादेश जारी होने के बाद ही की जाएगी ।
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1- नियम 16 (क) का निरसन : उत्तर प्रदेश आरटीई रूल्स के प्रथम संशोधन से शिक्षा मित्रों को टी ई टी से छूट प्रदान की गयी थी । जिस न्यायालय ने असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया । इस नियम को सरकार अपनी नियमावली से खत्म करेगी ।
2- उक्त याचिकाओं मे सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि बेसिक सेवा भर्ती (अध्यापक) नियमावली , 1981 के उन्नीसवें संशोधन को रद्द किया जाता है । इस संशोधन मे "शिक्षा मित्र " काडर जोड़ा गया , उम्र सीमा मे छूट दी गयी और शैक्षिक अर्हता मे छूट दी गयी । 60 वर्ष की आयु सीमा कि छूट भी रद्द हो चुकी है । अतः पुनः संशोधन करते हुए उम्र सीमा की छूट देनी होगी तथा भारांक देना होगा । हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने भारांक देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को बाध्य नही किया था फिर अवैध रूप से भारांक दिया जा रहा है ।
3- अवैध समायोजन से रद्द हुए 1,37,000 रिक्त पदों को भरने के लिए सरकार ने नए मानक तय किए हैं । लिखित परीक्षा कराने के दिशा निर्देश , न्यूनतम अंक आदि कि ज़िम्मेदारी राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद को दी गयी है । जबकि ये काम एससीईआरटी से नही कराया जा सकता है । एससीईआरटी का स्कोप महज प्रशिक्षण तक ही सीमित है । बेसिक शिक्षा एक्ट , 1972 और बेसिक सेवा भर्ती (अध्यापक) नियमावली , 1981 मे नियुक्ति संबंधी निर्णय हेतु प्रस्ताव भेजने का अधिकार केवल और केवल बेसिक शिक्षा परिषद को ही है फिर भी यह कार्य एससीईआरटी को सौंपा जा रहा है ।
शासन के सचिव ने यहा पर ग्रेडिंग मामले मे दिनांक 20 सितंबर मे पारित आदेश अंतिम लाइन के आधार पर पदों को भरने का नियंम आदि बनाने का काम एससीईआरटी को सौंप दिया है । ग्रेडिंग मामले मे प्रोपोजल पीएनपी को देने को कहा गया था जो की एससीईआरटी का ही अंग है । (ऐसा मेरा व्यक्तिगत मत है कि सरकार 12460 के मूल विज्ञापन मे भी दखल कि योजना पर कार्य कर रही है )
4- लिखित परीक्षा के प्राप्तांक का 60 % लिया जाएगा । यहा यह महत्वपूर्ण होगा कि परीक्षा पास करने के लिए न्यूनतम कितने प्रतिशत अंक आवश्यक हैं । 25 अंक भारांक मामले मे , लिखित परीक्षा का पूर्णांक जितना अधिक होगा सामान्य बी टी सी अभ्यर्थियों को अवैध भारांक का उतना ही कम नुकसान उठाना होगा ।
नोट : बी टी सी बेरोजगार अधिक से अधिक पदों को जल्द से जल्द विज्ञापित कराये जाने की रणनीति पर विचार करें क्योंकि टी ई टी परीक्षा व उसका परिणाम , लिखित परीक्षा + तैयारी का समय + आयोजन + परिणाम आदि होने मे सरकार कम से कम 8 माह का समय लेगी । बी टी सी बेरोजगारों को समय कम कराते हुए नियुक्ति का प्रयास करना होगा । भारांक मामले पर कोर्ट कि कार्यवाही विस्तृत शासनादेश जारी होने के बाद ही की जाएगी ।
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