शिक्षामित्रो से निवेदन हमारी पोस्ट को जब आप कॉपी करते है तो पोस्ट से हमारा नाम काट देते है। इसकी हमे शिकायत नही आप अपना नाम लिख दिया करे। किसी का नाम नही लिखा होने से पोस्ट को लोग फर्जी समझते है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक तरफ NCTE कह रही है की इसमे से 124000 स्नातक पास पैराटीचर को सेवारत मान कर DBTC कराई गई है यह सेवारत अध्यापक है संविदा कर्मचारी नही है इन पर 23 अगस्त 2010 का आदेश लागु नही होता है।क्यों की यूपी में RTE जुलाई 2011 में लागू हुआ है। हमारी ट्रेनिग काविज्ञापन जारी हो चुका था 5 लोगो की चयन समिति इन का चयन कर चुकी थी इसमे आरक्षण का भी पालन किया गया था।इन स्नातक पास शिक्षामित्रो (पैराटीचर) पर राज्य सरकार अपना अधिकार नही दिखा सकती है। इनकी सभी सुविधाये MHRD तय करती है। कोर्ट ने कहा हमारे पास कुल 172000 शिक्षामित्रो का मामला समायोजन का आया है हमे यही देखना है की समायोजन सही हुआ है य नही हम हाईकोर्ट से आये आदेश का ही परिक्षण करेगे।
शिक्षामित्र समायोजन मात्र टेट के कारण निरस्त नही हुआ है, समायोजन निरस्त होने के जो प्रमुख कारण है वो इस प्रकार है
1-संविधान के आर्टिकल 14 व 16 अवसर की समानता का उल्लंघन ।
2-- ग्यारह माह का कॉन्ट्रैक्ट, व सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक पीठ के द्वारा उमा देवी केस का निर्णय ।
3-- शिक्षामित्र समायोजन के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा का न होना ।
यदि सरकार शिक्षामित्रो के सहायक अध्यापक के पद को बचाने के लिए अध्यादेश लाती है तो उपरोक्त तीनो विषयो पर अध्यादेश लाना होगा, तभी सहायक अध्यापक पद बरकरार रखा जा सकता है ।
यदि शिक्षामित्र पद की बात करे तो जब तक दो भर्ती का आयोजन राज्य सरकार नही कर लेती है तभी तक सभी शिक्षामित्र रह सकते है, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार शिक्षामित्र जो टेट पास है उन्हे भी मात्र दो भर्तियो मे आवेदन का मौका मिलेगा, उसके बाद नही भले ही आप टेट पास हो जाए सरकार के उपर कोर्ट ने कोई बाध्यता नही रखी है सरकार 65-65 हजार की दो भर्तिया निकाले य कम सख्या की भर्ती निकाले यह उस के ऊपर है 2 वर्ष मे ही निकाले चाहे 5 वर्षों मे निकाले । कोर्ट का निर्णय शिक्षामित्र पर बाध्यकारी है किन्तु सरकार को पूर्ण स्वतंत्रता देता है राज्य सरकार 2019 तक ही कुछ कर सकती है। उस के बाद बढ़ी हुई छूट भी समाप्त हो जायेगी एक चरण 31मार्च 2015 को पूरा हो चुका है अब 31 मार्च 2019 तक दूसरा चरण छूट का चलेगा।ऐसी विषम परिस्तिथि मे सहायक अध्यापक बन पाने का मात्र एक ही रास्ता है की राज्य सरकार NCTE की गाइड लाइन को देख कर उन स्नातक पास शिक्षामित्रो को सहायक अध्यापक बनाये रख सकता है जिन को TET से छूट मिली है और जो सर्व शिक्षा अभियान के अध्यापक भारत सरकार के नियम अनुसार बन चुके है उनके वेतन को भी MHRD जारी करता है। राजनैतिक लाभ लेने के लिए उन्हें भी समायोजन का हिस्सा बना दिया गया था। क्या किसी ने इस बात पर गौर किया शिक्षामित्र से समायोजित शिक्षक के नाम पर कभी MHRD ने इनका वेतन जारी किया है नही जारी किया है MHRD में शिक्षामित्र नाम से कोई बजट जारी नही किया जाता है 1 अप्रैल 2015 के बाद 124000 शिक्षा मित्रो का मानदेय 5000 बन्द कर वेतन जारी किया जा रहा है। राज्य सरकार इन शिक्षामित्रो को मात्र 3500 रुपये देती थी जब की केन्द्र सरकार 5000 रुपये 12 माह के हिसाब से भेजती थी सर्व शिक्षा अभियान अध्यापक के जो पद है उन पदों की कुल सख्या और कुल नियुक्ति आज तक राज्य सरकार ने नही बताई इन पदों को सार्वजनिक क्यों नही किया गया। जब स्नातक पास शिक्षामित्र सेवारत दूरस्थ बीटीसी करे है तो उन्हें समायोजन/ नियुक्ति पत्र क्यों दिए गये। जब वह सेवारत अप्रशिक्षित अध्यापक थे तो प्रशिक्षित होने पर स्वतः अध्यापक बन गए थे। शिक्षामित्र समायोजन नही इसे नई नियुक्ति कह सकते है। टेट के बगैर कोई सहायक अध्यापक Rte act के पश्चात नही बन सकता है। लेकिन यह नई नियुक्ति के लिए है। नियमतिकरण के लिए नही है।
देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा
शाहजहाँपुर 9935161356
मिशन सहायक अध्यापक 124000
सतेंद्र सिंह यादव संस्थापक
मदनापुर-शाहजहाँपुर
9005915039
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक तरफ NCTE कह रही है की इसमे से 124000 स्नातक पास पैराटीचर को सेवारत मान कर DBTC कराई गई है यह सेवारत अध्यापक है संविदा कर्मचारी नही है इन पर 23 अगस्त 2010 का आदेश लागु नही होता है।क्यों की यूपी में RTE जुलाई 2011 में लागू हुआ है। हमारी ट्रेनिग काविज्ञापन जारी हो चुका था 5 लोगो की चयन समिति इन का चयन कर चुकी थी इसमे आरक्षण का भी पालन किया गया था।इन स्नातक पास शिक्षामित्रो (पैराटीचर) पर राज्य सरकार अपना अधिकार नही दिखा सकती है। इनकी सभी सुविधाये MHRD तय करती है। कोर्ट ने कहा हमारे पास कुल 172000 शिक्षामित्रो का मामला समायोजन का आया है हमे यही देखना है की समायोजन सही हुआ है य नही हम हाईकोर्ट से आये आदेश का ही परिक्षण करेगे।
शिक्षामित्र समायोजन मात्र टेट के कारण निरस्त नही हुआ है, समायोजन निरस्त होने के जो प्रमुख कारण है वो इस प्रकार है
1-संविधान के आर्टिकल 14 व 16 अवसर की समानता का उल्लंघन ।
2-- ग्यारह माह का कॉन्ट्रैक्ट, व सुप्रीम कोर्ट के संवैधानिक पीठ के द्वारा उमा देवी केस का निर्णय ।
3-- शिक्षामित्र समायोजन के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा का न होना ।
यदि सरकार शिक्षामित्रो के सहायक अध्यापक के पद को बचाने के लिए अध्यादेश लाती है तो उपरोक्त तीनो विषयो पर अध्यादेश लाना होगा, तभी सहायक अध्यापक पद बरकरार रखा जा सकता है ।
यदि शिक्षामित्र पद की बात करे तो जब तक दो भर्ती का आयोजन राज्य सरकार नही कर लेती है तभी तक सभी शिक्षामित्र रह सकते है, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार शिक्षामित्र जो टेट पास है उन्हे भी मात्र दो भर्तियो मे आवेदन का मौका मिलेगा, उसके बाद नही भले ही आप टेट पास हो जाए सरकार के उपर कोर्ट ने कोई बाध्यता नही रखी है सरकार 65-65 हजार की दो भर्तिया निकाले य कम सख्या की भर्ती निकाले यह उस के ऊपर है 2 वर्ष मे ही निकाले चाहे 5 वर्षों मे निकाले । कोर्ट का निर्णय शिक्षामित्र पर बाध्यकारी है किन्तु सरकार को पूर्ण स्वतंत्रता देता है राज्य सरकार 2019 तक ही कुछ कर सकती है। उस के बाद बढ़ी हुई छूट भी समाप्त हो जायेगी एक चरण 31मार्च 2015 को पूरा हो चुका है अब 31 मार्च 2019 तक दूसरा चरण छूट का चलेगा।ऐसी विषम परिस्तिथि मे सहायक अध्यापक बन पाने का मात्र एक ही रास्ता है की राज्य सरकार NCTE की गाइड लाइन को देख कर उन स्नातक पास शिक्षामित्रो को सहायक अध्यापक बनाये रख सकता है जिन को TET से छूट मिली है और जो सर्व शिक्षा अभियान के अध्यापक भारत सरकार के नियम अनुसार बन चुके है उनके वेतन को भी MHRD जारी करता है। राजनैतिक लाभ लेने के लिए उन्हें भी समायोजन का हिस्सा बना दिया गया था। क्या किसी ने इस बात पर गौर किया शिक्षामित्र से समायोजित शिक्षक के नाम पर कभी MHRD ने इनका वेतन जारी किया है नही जारी किया है MHRD में शिक्षामित्र नाम से कोई बजट जारी नही किया जाता है 1 अप्रैल 2015 के बाद 124000 शिक्षा मित्रो का मानदेय 5000 बन्द कर वेतन जारी किया जा रहा है। राज्य सरकार इन शिक्षामित्रो को मात्र 3500 रुपये देती थी जब की केन्द्र सरकार 5000 रुपये 12 माह के हिसाब से भेजती थी सर्व शिक्षा अभियान अध्यापक के जो पद है उन पदों की कुल सख्या और कुल नियुक्ति आज तक राज्य सरकार ने नही बताई इन पदों को सार्वजनिक क्यों नही किया गया। जब स्नातक पास शिक्षामित्र सेवारत दूरस्थ बीटीसी करे है तो उन्हें समायोजन/ नियुक्ति पत्र क्यों दिए गये। जब वह सेवारत अप्रशिक्षित अध्यापक थे तो प्रशिक्षित होने पर स्वतः अध्यापक बन गए थे। शिक्षामित्र समायोजन नही इसे नई नियुक्ति कह सकते है। टेट के बगैर कोई सहायक अध्यापक Rte act के पश्चात नही बन सकता है। लेकिन यह नई नियुक्ति के लिए है। नियमतिकरण के लिए नही है।
देवेन्द्र प्रताप सिंह कुशवाहा
शाहजहाँपुर 9935161356
मिशन सहायक अध्यापक 124000
सतेंद्र सिंह यादव संस्थापक
मदनापुर-शाहजहाँपुर
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