बलिया। प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी से नाराज
शिक्षामित्रों ने न सिर्फ बीएसए कार्यालय पर विरोध-प्रदर्शन किया, बल्कि
बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल तथा सचिव राजप्रताप सिंह का पुतला भी
फूंका। इसके साथ ही शिक्षामित्रों ने योगी कैबिनेट द्वारा मंगलवार को पारित
उस शासनादेश की प्रतियां भी जलाई, जिसमें 10 हजार मानदेय देने की बात कहीं
गई है। शिक्षामित्रों ने प्रदेश सरकार को सबसे झूठी करार दिया। कहा कि
शिक्षामित्र संगठन प्रतिनिधियों से मुख्यमंत्री ने दो बार वार्ता में
सार्थक पहल का भरोसा दिया था, लेकिन शासनादेश 10 हजार रुपये मानदेय का जारी
कर सरकार ने अपनी दूषित मानसिकता को उजागर कर दिया।
वक्ताओं ने कहा कि मंगलवार को
कैबिनेट ने जो प्रस्ताव पास किया, उसे सचिव राजप्रताप सिंह ने काफी पहले
तैयार कर लिया था, जिसका विरोध शिक्षामित्रों ने खुलकर किया था। लेकिन
शिक्षामित्र मुख्यमंत्री के भरोसा पर धरना समाप्त कर दिए, क्योंकि
मुख्यमंत्री ने कहा था कि मैं योगी हूं और योगी कभी झूठ नहीं बोलता। बावजूद
इसके वह प्रस्ताव पास हो गया, जिसे शिक्षामित्र किसी भी परिस्थिति में
स्वीकार नहीं करेंगे। शिक्षामित्र अपने हक की लड़ाई दिल्ली तक लडे़ेंगे।
वहीं, बुधवार को जिले के स्कूलों में टीम बनाकर की गई चेकिंग का भी
शिक्षामित्रों ने विरोध किया। कहा कि शासन डराकर शिक्षामित्रों के आंदोलन
को कमजोर करने की कोशिश कर रही है, लेकिन शिक्षामित्र डरने वाले नहीं है।
क्योंकि उनकी 17 साल की मेहनत पर योगी सरकार ने पानी फेर दिया है।
शिक्षामित्रों ने बेसिक शिक्षामंत्री पर भी भड़ास निकाला। इस मौके पर सरल
यादव, चन्द्रभान सिंह, सूर्यप्रताप यादव, रणजीत सिंह, शशिकांत चौबे, अनिल,
सत्येन्द्र, चन्द्रशेखर सिंह, बसुंधरा राय, नीतू उपाध्याय, पुष्टम राय,
आशा, उदय, अखिलेश, परशुराम, अजय, विनोद, वीरेन्द्र, राजू, रिंकू, स्वामीनाथ
तिवारी, विनय दूबे, राकेश पांडेय, प्रमोद, ज्ञान मिश्र, अली अहमद समेत
सैकड़ों शिक्षामित्र मौजूद रहे।
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