डा. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा में हुए बीएड फर्जी डिग्री केस में विवि के चार कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इन सभी को एसआईटी ने पूछताछ के लिए लखनऊ बुलाया था। वहीं गिरफ्तारी हुई।
बता दें कि डा. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय के फर्जी मार्कशीट प्रकरण में एसआईटी ने छह लिपिक पहले ही चिन्हित कर लिए थे। इनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी थी। इन सभी के हस्ताक्षर उन चार्ट पर पाए गए हैं जो 2003-04 के सत्र में तैयार किए गए थे। इन चार्ट में फर्जी मार्कशीट का विवरण दर्ज किया गया है।
मंगलवार को एसआइटी ने लखनऊ में आगरा यूनिवर्सिटी के 4 कर्मचारी स्वामी शरण, लक्ष्मन सिंह, सतेंद्र पाल सिंह और साकेत प्रसाद को बुलाया था। इनसे पूछताछ की गई और इसके बाद गिरफ्तार कर लिया गया। बता दें कि ये सभी कर्मचारी डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में तैनात हैं।
स्वामी शरण डिग्री सेक्शन में ओएस हैं। लक्ष्मन सिंह फिलहाल बीए प्रथम वर्ष का काम देखते हैं। सतेंद्र पाल सिंह चार्ट रूम में तैनात हैं। साकेत प्रसाद डिस्पैच में हैं। इनके सबके अलावा चार्ट रूम प्रभारी सुनील श्रीवास्तव भी लखनऊ गए थे।
*ये है पूरा प्रकरण*
बता दें कि डा. बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी के फर्जी मार्कशीट प्रकरण में एसआईटी ने बीएड की 4000 डिग्रियां निरस्त किए जाने की संस्तुति की है। सभी डिग्रियां 2003-04 सत्र की हैं। एसआईटी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि 2003-04 के सत्र में विवि. से बीएड में 8132 रजिस्ट्रेशन हुए थे जबकि चार्ज रूम से मिले रिकार्ड के अनुसार मार्कशीट 12132 जारी की गई हैं।
इसी से साफ है कि 4000 मार्कशीट फर्जी हैं। इनमें से 3000 तो जेनरेट की गई हैं। इन्हें उन लोगों ने खरीदा जिनका बीएड में दाखिला ही नहीं था। इनके अतिरिक्त 1000 मार्कशीट ऐसी पाई गईं जिनमें अंक बढ़ाए गए थे। 500 मार्कशीट में तो 30 से 40 फीसदी तक अंक बढ़ाए गए। यह घोटाला 82 निजी कॉलेजों ने किया है।
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बता दें कि डा. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय के फर्जी मार्कशीट प्रकरण में एसआईटी ने छह लिपिक पहले ही चिन्हित कर लिए थे। इनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी थी। इन सभी के हस्ताक्षर उन चार्ट पर पाए गए हैं जो 2003-04 के सत्र में तैयार किए गए थे। इन चार्ट में फर्जी मार्कशीट का विवरण दर्ज किया गया है।
मंगलवार को एसआइटी ने लखनऊ में आगरा यूनिवर्सिटी के 4 कर्मचारी स्वामी शरण, लक्ष्मन सिंह, सतेंद्र पाल सिंह और साकेत प्रसाद को बुलाया था। इनसे पूछताछ की गई और इसके बाद गिरफ्तार कर लिया गया। बता दें कि ये सभी कर्मचारी डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में तैनात हैं।
स्वामी शरण डिग्री सेक्शन में ओएस हैं। लक्ष्मन सिंह फिलहाल बीए प्रथम वर्ष का काम देखते हैं। सतेंद्र पाल सिंह चार्ट रूम में तैनात हैं। साकेत प्रसाद डिस्पैच में हैं। इनके सबके अलावा चार्ट रूम प्रभारी सुनील श्रीवास्तव भी लखनऊ गए थे।
*ये है पूरा प्रकरण*
बता दें कि डा. बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी के फर्जी मार्कशीट प्रकरण में एसआईटी ने बीएड की 4000 डिग्रियां निरस्त किए जाने की संस्तुति की है। सभी डिग्रियां 2003-04 सत्र की हैं। एसआईटी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि 2003-04 के सत्र में विवि. से बीएड में 8132 रजिस्ट्रेशन हुए थे जबकि चार्ज रूम से मिले रिकार्ड के अनुसार मार्कशीट 12132 जारी की गई हैं।
इसी से साफ है कि 4000 मार्कशीट फर्जी हैं। इनमें से 3000 तो जेनरेट की गई हैं। इन्हें उन लोगों ने खरीदा जिनका बीएड में दाखिला ही नहीं था। इनके अतिरिक्त 1000 मार्कशीट ऐसी पाई गईं जिनमें अंक बढ़ाए गए थे। 500 मार्कशीट में तो 30 से 40 फीसदी तक अंक बढ़ाए गए। यह घोटाला 82 निजी कॉलेजों ने किया है।
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