इलाहाबाद : बच्चों को अक्षर ज्ञान कराने का जिम्मा उन्हीं अभ्यर्थियों को मिलेगा, जो विभागीय कसौटी पर खरे उतरेंगे। शैक्षिक मेरिट की जगह शिक्षा अर्जित करते समय मिली मेधा ही अब काम आएगी।
इसीलिए परिषदीय शिक्षक बनने के लिए अभ्यर्थियों को अब दो-दो परीक्षाएं उत्तीर्ण करनी हैं। पहली परीक्षा अर्हता है तो दूसरी में मिले अच्छे अंक ही यह रास्ता आसान करेंगे। शिक्षकों की गुणवत्ता बेहतर करने को लिखित परीक्षा का ऐसा खाका खींचा गया है, जिसमें टीईटी से भी कठिन सवाल होंगे। छोटे सवालों के उत्तर से ही बड़ा जवाब मिलने की उम्मीद है।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती मेरिट के आधार पर होती रही है, पहली बार लिखित परीक्षा का आयोजन होना है। असल में प्रदेश सरकार लगातार शैक्षिक गुणवत्ता की बेहतरी पर जोर दे रही है, लेकिन पठन-पाठन का स्तर विद्यालयों में सुधर नहीं रहा है। डीएलएड यानी पूर्व बीटीसी कालेजों में पढ़ाई का स्तर का किसी से छिपा नहीं है, इसीलिए अभ्यर्थी टीईटी तक उत्तीर्ण नहीं कर पा रहे हैं। इसको ध्यान में रखकर तय हुआ कि उन्हीं अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने का मौका दिया जाए, जो मेधावी हों। शीर्ष कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि टीईटी सिर्फ अर्हता परीक्षा है उसके आधार पर चयन नहीं होगा। ऐसे में 68500 शिक्षकों की भर्ती परीक्षा दिसंबर माह में कराने की तैयारी है। यह परीक्षा माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को देने की तैयारी है।
बेसिक शिक्षा निदेशालय ने शिक्षक भर्ती का सिलेबस तैयार करने को सभी डायटों से सुझाव मांगे हैं। तीन घंटे होने वाली परीक्षा 150 अंकों की होगी। इसमें अति लघु उत्तरीय ही प्रश्न पूछे जाएंगे। किस विषय के कितने सवाल होंगे यह भी तय हो चुका है। परीक्षा के सिलेबस में डीएलएड का पाठ्यक्रम मूल में रखा गया है साथ ही अन्य प्रश्न इंटरमीडिएट स्तर के होंगे। इसमें तार्किक ज्ञान, सामान्य ज्ञान, विज्ञान, गणित, अंग्रेजी के अलावा पर्यावरण व आइटी के प्रश्न अभ्यर्थियों को छकाएंगे। निबंध के अलावा हर प्रश्न का जवाब लिखकर लेने का कारण अभ्यर्थियों के लेखन का सूक्ष्म परीक्षण करना है।
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ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
इसीलिए परिषदीय शिक्षक बनने के लिए अभ्यर्थियों को अब दो-दो परीक्षाएं उत्तीर्ण करनी हैं। पहली परीक्षा अर्हता है तो दूसरी में मिले अच्छे अंक ही यह रास्ता आसान करेंगे। शिक्षकों की गुणवत्ता बेहतर करने को लिखित परीक्षा का ऐसा खाका खींचा गया है, जिसमें टीईटी से भी कठिन सवाल होंगे। छोटे सवालों के उत्तर से ही बड़ा जवाब मिलने की उम्मीद है।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती मेरिट के आधार पर होती रही है, पहली बार लिखित परीक्षा का आयोजन होना है। असल में प्रदेश सरकार लगातार शैक्षिक गुणवत्ता की बेहतरी पर जोर दे रही है, लेकिन पठन-पाठन का स्तर विद्यालयों में सुधर नहीं रहा है। डीएलएड यानी पूर्व बीटीसी कालेजों में पढ़ाई का स्तर का किसी से छिपा नहीं है, इसीलिए अभ्यर्थी टीईटी तक उत्तीर्ण नहीं कर पा रहे हैं। इसको ध्यान में रखकर तय हुआ कि उन्हीं अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने का मौका दिया जाए, जो मेधावी हों। शीर्ष कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि टीईटी सिर्फ अर्हता परीक्षा है उसके आधार पर चयन नहीं होगा। ऐसे में 68500 शिक्षकों की भर्ती परीक्षा दिसंबर माह में कराने की तैयारी है। यह परीक्षा माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को देने की तैयारी है।
बेसिक शिक्षा निदेशालय ने शिक्षक भर्ती का सिलेबस तैयार करने को सभी डायटों से सुझाव मांगे हैं। तीन घंटे होने वाली परीक्षा 150 अंकों की होगी। इसमें अति लघु उत्तरीय ही प्रश्न पूछे जाएंगे। किस विषय के कितने सवाल होंगे यह भी तय हो चुका है। परीक्षा के सिलेबस में डीएलएड का पाठ्यक्रम मूल में रखा गया है साथ ही अन्य प्रश्न इंटरमीडिएट स्तर के होंगे। इसमें तार्किक ज्ञान, सामान्य ज्ञान, विज्ञान, गणित, अंग्रेजी के अलावा पर्यावरण व आइटी के प्रश्न अभ्यर्थियों को छकाएंगे। निबंध के अलावा हर प्रश्न का जवाब लिखकर लेने का कारण अभ्यर्थियों के लेखन का सूक्ष्म परीक्षण करना है।
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