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फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्र बनाने वाले गैंग का भंडाफोड़, कई प्रांतों तक फैला नेटवर्क: लाखों प्रमाणपत्र बना कमाए करोंडो

कन्नौज : जिले की स्वॉट व विशुनगढ़ पुलिस ने बुधवार को फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्र बनाने वाले गैंग का भंडाफोड़ कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। कई प्रांतों तक फैले नेटवर्क के जरिये गैंग अब तक लाखों प्रमाणपत्र बनाने व बेचने के काम करता है। हालांकि गैंग का सरगना भाग निकला।
एसपी हरीश चंदर ने बताया कि स्वॉट टीम प्रभारी पप्पू सिंह ठेनुआ व विशुनगढ़ थानाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने फर्जी ढंग से हाईस्कूल, इंटरमीडिएट,स्नातक के अंक व प्रमाणपत्र बनाने की सूचना पर क्षेत्र के किला नगरिया में छापा मारा। इससे वहां भगदड़ मच गई। पुलिस ने दौड़ा कर तीन लोगों को दबोच लिया। तीनों ने अपने नाम यशदीप शाक्य उर्फ लाला निवासी रमपुरा थाना छिबरामऊ, राकेश व अवधेश निवासी किला नगरिया, थाना विशुनगढ़ बताए। राकेश व अवधेश सगे भाई हैं। उनके पास से एक लैपटाप, एक ¨पट्रर, यूपी समेत अन्य बोर्ड की हाईस्कूल की 53, इंटर की 25, छत्रपति शाहूजी महाराज विवि कानपुर के चार स्नातक प्रमाणपत्र, चार छात्र रजिस्टर स्थानांतरण प्रमाणपत्र (टीसी), 152 विभिन्न छात्र-छात्रओं की पासपोर्ट साइज फोटो और तमाम चरित्र प्रमाणपत्र बरामद हुए। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह उप्र, पश्चिम बंगाल, बिहार, कोलकाता, दिल्ली, राजस्थान से लेकर अन्य क्षेत्रों में फर्जी प्रमाणपत्र देते हैं। गैंग का सरगना गणोशपुर थाना किशनी मैनपुरी व वर्तमान में हनुमान गढ़ी, थाना छिबरामऊ कन्नौज निवासी उमेश यादव है। एसपी ने बताया कि सरगना का छिबरामऊ में पब्लिक स्कूल भी है। वे फर्जी अंक पत्र व प्रमाणपत्र बनाते समय संबंधित शिक्षा बोर्ड या विवि की वेबसाइट पर कुछ रोल नंबर सर्च करते थे। प्रमाणपत्र बनवाने वाले का नाम मेल खाने पर उसी आधार पर बना देते थे। इससे आनलाइन सत्यापन के दौरान संबंधित नाम से प्रमाणपत्र मिल जाता था।

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