इलाहाबाद : यूपी बोर्ड ने केंद्र निर्धारण की आपत्तियां ऑनलाइन लेने के लिए वेबसाइट शुरू कर दी है। इस पर सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को पहले से आवंटित यूजर आइडी व पासवर्ड के जरिए सूचनाएं अपलोड करनी हैं। इसके लिए सभी जिलों को 27 नवंबर तक की मियाद पहले ही दी जा चुकी है।
यूपी बोर्ड सचिव ने इस संबंध में 18 नवंबर को ही पत्र जारी किया था, जिसमें ऑनलाइन आपत्तियां लेने का निर्देश हुआ था।1माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2018 के लिए केंद्र निर्धारण की अनंतिम सूची जारी हो चुकी है। उसे वेबसाइट पर अपलोड करके सभी जिलों में आपत्तियां मांगी गई हैं। सभी जिलों में करीब आठ हजार से अधिक आपत्तियां आई हैं। इनमें से सबसे अधिक शिकायतें विद्यालयों को केंद्र न बनाने की हैं। साथ ही डिबार कालेजों के केंद्र बनने व परीक्षा केंद्र की दूरी अधिक होने के तमाम मामले सामने आए हैं। शासन ने छूटे राजकीय व अशासकीय विद्यालयों को वरीयता के आधार पर केंद्र बनाने का फिर निर्देश दिया है। जिलों में आई आपत्तियों का जिलाधिकारी की समिति निस्तारण करेगी उसके बाद उसे बोर्ड मुख्यालय भेजा जाना है। बोर्ड की केंद्र निर्धारण समिति उन पर विचार करके जरूरी संशोधन करके 30 नवंबर को अंतिम सूची जारी करेगी। इसमें विलंब न हो इसलिए ऑनलाइन आपत्तियां ली जा रही हैं। 1निर्माणाधीन कालेज भी परीक्षा केंद्र : यूपी बोर्ड की 2018 परीक्षा के लिए निर्धारित केंद्रों के संबंध में नित-नए राजफाश हो रहे हैं। बोर्ड मुख्यालय वाले जिले में ही नहीं आसपास के कौशांबी व प्रतापगढ़ में भी ऐसे विद्यालय परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जो अधिकांश मानक पूरा ही नहीं करते हैं। कौशांबी में तो निर्माणाधीन जीआइसी तक को परीक्षा केंद्र बनाया गया है। वहीं, प्रतापगढ़ में जिला विद्यालय निरीक्षक ने जिस कालेज की धारण क्षमता 180 बताई, उसे 300 परीक्षार्थियों का केंद्र बनाया गया है। डीआइओएस ने यह केंद्र निरस्त करने के लिए पत्र भेजा है। 1केंद्र निर्धारण में व्यापक धांधली : उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के डा. शैलेश कुमार पांडेय ने कहा कि बोर्ड परीक्षा के केंद्र निर्धारण में तमाम गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। इसकी जांच होनी चाहिए। जिला विद्यालय निरीक्षकों ने जो रिपोर्ट सौंपी उससे इतर केंद्रों का चयन हुआ है। बोले, सरकार की मंशा सही स्कूलों को केंद्र बनाने की थी, लेकिन अफसर व लिपिकों ने उस पर बट्टा लगाया है।
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यूपी बोर्ड सचिव ने इस संबंध में 18 नवंबर को ही पत्र जारी किया था, जिसमें ऑनलाइन आपत्तियां लेने का निर्देश हुआ था।1माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2018 के लिए केंद्र निर्धारण की अनंतिम सूची जारी हो चुकी है। उसे वेबसाइट पर अपलोड करके सभी जिलों में आपत्तियां मांगी गई हैं। सभी जिलों में करीब आठ हजार से अधिक आपत्तियां आई हैं। इनमें से सबसे अधिक शिकायतें विद्यालयों को केंद्र न बनाने की हैं। साथ ही डिबार कालेजों के केंद्र बनने व परीक्षा केंद्र की दूरी अधिक होने के तमाम मामले सामने आए हैं। शासन ने छूटे राजकीय व अशासकीय विद्यालयों को वरीयता के आधार पर केंद्र बनाने का फिर निर्देश दिया है। जिलों में आई आपत्तियों का जिलाधिकारी की समिति निस्तारण करेगी उसके बाद उसे बोर्ड मुख्यालय भेजा जाना है। बोर्ड की केंद्र निर्धारण समिति उन पर विचार करके जरूरी संशोधन करके 30 नवंबर को अंतिम सूची जारी करेगी। इसमें विलंब न हो इसलिए ऑनलाइन आपत्तियां ली जा रही हैं। 1निर्माणाधीन कालेज भी परीक्षा केंद्र : यूपी बोर्ड की 2018 परीक्षा के लिए निर्धारित केंद्रों के संबंध में नित-नए राजफाश हो रहे हैं। बोर्ड मुख्यालय वाले जिले में ही नहीं आसपास के कौशांबी व प्रतापगढ़ में भी ऐसे विद्यालय परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जो अधिकांश मानक पूरा ही नहीं करते हैं। कौशांबी में तो निर्माणाधीन जीआइसी तक को परीक्षा केंद्र बनाया गया है। वहीं, प्रतापगढ़ में जिला विद्यालय निरीक्षक ने जिस कालेज की धारण क्षमता 180 बताई, उसे 300 परीक्षार्थियों का केंद्र बनाया गया है। डीआइओएस ने यह केंद्र निरस्त करने के लिए पत्र भेजा है। 1केंद्र निर्धारण में व्यापक धांधली : उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के डा. शैलेश कुमार पांडेय ने कहा कि बोर्ड परीक्षा के केंद्र निर्धारण में तमाम गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। इसकी जांच होनी चाहिए। जिला विद्यालय निरीक्षकों ने जो रिपोर्ट सौंपी उससे इतर केंद्रों का चयन हुआ है। बोले, सरकार की मंशा सही स्कूलों को केंद्र बनाने की थी, लेकिन अफसर व लिपिकों ने उस पर बट्टा लगाया है।
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