पूर्व सांसदों की पेंशन पर रोक लगाने की लड़ाई होगी तेज: जनप्रतिनिधियों की बढ़ी संपत्ति की जांच को बने स्थायी समिति

लखनऊ : सुशासन और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम में बदलाव के लिए सेवानिवृत्त आइएएस-आइपीएस अधिकारियों की संस्था लोक प्रहरी पिछले 13 वर्षो से कानूनी लड़ाई लड़ रही है।
इस संस्था की पहल पर शीर्ष अदालत से कई महत्वपूर्ण फैसले हुए हैं। अब यह पूर्व सांसदों की पेंशन पर रोक लगाने के लिए लड़ाई तेज करेगी। जिन जनप्रतिनिधियों की संपत्ति पांच गुना बढ़ गई है, उसकी जांच को स्थायी समिति बनाने के लिए भी कानूनी पहल होगी।1सेवानिवृत्त आइएएस एसएन शुक्ला ने रविवार को बताया कि कार्यकाल खत्म होने के बाद भी लगातार पेंशन का जारी होना संविधान का उल्लंघन है। कोई व्यक्ति एक बार भी सांसद बनकर जीवन भर पेंशन का लाभ उठाता है। इसका बोझ आम आदमी पर पड़ता है। कहा, अदालत का यह आदेश था कि सजा होने के बाद जनप्रतिनिधियों की सदस्यता अपने आप खत्म हो जाएगी लेकिन, इसका अनुपालन नहीं हो रहा है। इसके लिए लोक प्रहरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस पर सुनवाई होनी है। 1पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगले के मामले में भी लोक प्रहरी ने चुनौती देने का निर्णय किया है। पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगला आवंटित करने का विरोध करते हुए संस्था ने एक याचिका दाखिल की थी।

कई और गंभीर मामलों पर संस्था ने कानूनी पहल की है। मसलन, चुनाव के दौरान उम्मीदवार सिर्फ अपनी संपत्ति बताते थे। लोक प्रहरी की याचिका पर ही उन्हें आय का स्रोत भी बताने को मजबूर होना पड़ा। अब संस्था की मांग है कि उम्मीदवार के आश्रित भी अपनी आय का स्रोत घोषित करें।

उल्लेखनीय है कि रविवार को निराला नगर में लोक प्रहरी के संस्थापक मुख्य संरक्षक पद्म भूषण राम कृष्ण त्रिवेदी की द्वितीय पुण्य तिथि पर संस्था ने उन्हें श्रद्धांजलि देने को एक खास बैठक बुलाई थी। 1इस मौके पर लोक प्रहरी के अध्यक्ष एनएम मजूमदार और महासचिव एसएन शुक्ल ने त्रिवेदी के कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। पिछले दिनों संस्था के दो सदस्यों मनोहर सुब्रrाण्यम और पीडी चतुर्वेदी का निधन हो गया। उनको भी श्रद्धांजलि दी गई। इस बैठक में पूर्व डीजीपी आइसी द्विवेदी, सेवानिवृत्त आइएएस एके दास, एसएटी रिजवी, एसके अग्निहोत्री, पीसी शर्मा, सुशील त्रिपाठी, जीडी मेहरोत्र, यूपीएस कुशवाहा, डॉ. शालीन कुमार, जीएन पांडेय और पंकज मिश्र समेत कई प्रमुख सदस्य उपस्थित थे।

इस बैठक में सुप्रीम कोर्ट में लंबित संस्था के मामलों की समीक्षा की गई। पिछली बैठक 24 जून को हुई थी। पिछली बैठक के प्रस्तावों का अनुमोदन भी किया गया।’कहा, जनप्रतिनिधियों की बढ़ी संपत्ति की जांच को बने स्थायी समिति1’उम्मीदवारों के आश्रित भी घोषित करें आय का स्रोत

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