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शिक्षामित्रों के बाद प्राइमरी के मास्टरों को बड़ा झटका, इन शिक्षकों की जाएगी नौकरी और वेतन की होगी रिकवरी

आगरा। शिक्षामित्रों के बाद अब प्राइमरी मास्टरों की नौकरी पर तलवार लटक गई है। इन शिक्षकों की नौकरी तो जाएगी ही साथ ही वेतन की वसूली भी की जा सकती है। ये वे शिक्षक हैं, तो फर्जी बीएड की डिग्री से नौकरी प्राप्त कर कई वर्षों की सेवाएं भी दे चुके हैं।
जिले में तैनात ऐसे शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का मिलान बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) कार्यालय में किया जा रहा है। दो दिन में 60 शिक्षक ऐसे पाए गए हैं। यह संख्या और भी बढ़ेगी। फिलहाल इन शिक्षकों का नाम गोपनीय रखा जा रहा है।
ये था मामला
डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के शैक्षणिक सत्र 2004-05 बीएड के 4570 प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं। एसआईटी की ओर से उच्च न्यायालय में सूची उपलब्ध कराई गई थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव राजप्रताप सिंह ने परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सभी जिलों के बीएसए को 4570 फर्जी प्रमाणपत्रों की सूची उपलब्ध करा दी गई है। अब देखा जा रहा है कि कितने शिक्षकों ने आगरा यूनिवर्सिटी के शैक्षणिक सत्र 2004-05 बीएड के प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी पाई है।

ये कहना है बीएसए का
इस मामले में बीएसए अर्चना गुप्ता ने बताया कि जांच प्रक्रिया चल रही है। यह कार्य गोपनीय तरीके से कराया जा रहा है। आगरा में अब तक 60 शिक्षक ऐसे पाए गए हैं, जिनका नाम फर्जी प्रमाणपत्र वाली सूची में हैं। जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद सभी फर्जी शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक गिरजेश चौधरी ने बताया कि 28 अक्टूबर को फर्जी प्रमाणपत्रों की सूची उपलब्ध कराई गई। बता दें कि इससे पहले आगरा में 16 शिक्षामित्रों के भी प्रमाण पत्र फर्जी पाए जा चुके हैं। इन शिक्षामित्रों पर कार्रवाई की जा रही है। उसके बाद 60 शिक्षकों के नाम फर्जी डिग्री कांड में आने से शिक्षकों में अफरा तफरी का माहौल है।
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