जागरण संवाददाता, जौनपुर : मतदान कार्मिक ड्यूटी करने से भाग रहे हैं।
इसके लिए तरह-तरह के बहाने और जुगाड़ लगा रहे हैं। इसके लिए उच्चाधिकारियों
के यहां अर्जी भी दे रहे हैं।
इनमें एक महिला कर्मचारी की भी अर्जी शामिल है जिसमें लिखा था, साहब! मेरी 29 नवंबर को शादी है। इस वजह से चुनाव में ड्यूटी नहीं कर पाऊंगी।
नगर निकाय क्षेत्रों में 422 बूथ बनाए गए हैं। जहां 29 नवंबर को मतदान होना है जिसके लिए 1840 मतदान कार्मिकों को लगाया जाना है, जिसमें एक बूथ पर एक पीठासीन और तीन क्रमश: मतदान अधिकारी प्रथम, द्वितीय और तृतीय शामिल हैं। ये अलग- अलग विभागों से होंगे। इन्हें प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। इनमें करीब 50 कार्मिक चुनाव में ड्यूटी करने से कतरा रहे हैं। इसके लिए वे तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। वे इसके लिए उच्चाधिकारियों के यहां प्रार्थना पत्र व जुगाड़ तक लगाने से भी नहीं चूकी, हालांकि चुनाव ड्यूटी न करने के लिए तरह-तरह की बातें लिखकर कार्मिकों ने दिया, जिनमें सामान्य कारण होने पर उन्हें निरस्त कर दिया गया। हालांकि 7 प्रार्थना पत्र शादी से ही जुड़े आएं, जिनमें बेटी की शादी, खुद की शादी या गौना 28-29 या 29-30 को होने तथा अथवा मतदान के ही दिन घर पर तेरहवीं जैसे कार्यक्रम का जिक्र किया गया है।
10 गर्भवती को भी बनाया कार्मिक
इस बार प्रत्येक बूथ पर एक महिला कर्मचारी भी अनिवार्य रूप से तैनात रहेंगी, ताकि आवश्यकता पड़ने पर महिलाओं की सुविधाओं का ध्यान रखा जा सके। बूथों पर महिला कार्मिकों को मतदान अधिकारी द्वितीय बनाया जा रहा है, जो मतदाताओं को मतपत्र और उनकी अंगुली में अमिट स्याही लगाएंगी। इन कर्मचारियों के रूप में 10 ऐसी महिलाओं की ड्यूटी लगा दी गई, जो मातृत्व अवकाश पर थीं।
मृत कर्मचारी को भेज दी ड्यूटी
नलकूप विभाग में तैनात त्रिभुवन नारायण ¨सह को मतदान अधिकारी प्रथम बनाया गया है। इनकी ड्यूटी लगाकर पत्र भेज दिया गया, जिसके मुताबिक उन्हें 21 नवंबर को प्रशिक्षण लेना था, ¨कतु उनका निधन 14 नवंबर को ही हो गया, जिसके चलते यह प्रशिक्षण में अनुपस्थित मिले। कार्रवाई के लिए विभाग से सूचना मांगी गई तो निर्वाचन विभाग को इसकी जानकारी हुई, जिसके बाद उनकी ड्यूटी काट दी गई।
8 शिक्षामित्र की लगी थी ड्यूटी
शिक्षा मित्र सहायक अध्यापक बन गए थे। हालांकि बाद में इन्हें पुन: शिक्षा मित्र बना दिया गया, जिसके आधार पर इन्हें कार्मिक के रुप में दूसरे बूथों पर नहीं नियुक्त किया जा सकता है, लेकिन 8 शिक्षामित्रों की ड्यूटी लग गई थी, जिसे अब संज्ञान में आने के बाद काट दिया गया।
वर्जन
चुनाव में ड्यूटी लगाने के लिए सभी विभागों से लिस्ट अगस्त में ही मांग ली गई थी, जिसके कारण ये दिक्कतें आईं। हालांकि इनके स्थान पर दूसरे कार्मिकों को नियुक्त कर दिया गया है। - दयाराम, सहायक प्रभारी अधिकारी मतदान कार्मिक
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इनमें एक महिला कर्मचारी की भी अर्जी शामिल है जिसमें लिखा था, साहब! मेरी 29 नवंबर को शादी है। इस वजह से चुनाव में ड्यूटी नहीं कर पाऊंगी।
नगर निकाय क्षेत्रों में 422 बूथ बनाए गए हैं। जहां 29 नवंबर को मतदान होना है जिसके लिए 1840 मतदान कार्मिकों को लगाया जाना है, जिसमें एक बूथ पर एक पीठासीन और तीन क्रमश: मतदान अधिकारी प्रथम, द्वितीय और तृतीय शामिल हैं। ये अलग- अलग विभागों से होंगे। इन्हें प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। इनमें करीब 50 कार्मिक चुनाव में ड्यूटी करने से कतरा रहे हैं। इसके लिए वे तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। वे इसके लिए उच्चाधिकारियों के यहां प्रार्थना पत्र व जुगाड़ तक लगाने से भी नहीं चूकी, हालांकि चुनाव ड्यूटी न करने के लिए तरह-तरह की बातें लिखकर कार्मिकों ने दिया, जिनमें सामान्य कारण होने पर उन्हें निरस्त कर दिया गया। हालांकि 7 प्रार्थना पत्र शादी से ही जुड़े आएं, जिनमें बेटी की शादी, खुद की शादी या गौना 28-29 या 29-30 को होने तथा अथवा मतदान के ही दिन घर पर तेरहवीं जैसे कार्यक्रम का जिक्र किया गया है।
10 गर्भवती को भी बनाया कार्मिक
इस बार प्रत्येक बूथ पर एक महिला कर्मचारी भी अनिवार्य रूप से तैनात रहेंगी, ताकि आवश्यकता पड़ने पर महिलाओं की सुविधाओं का ध्यान रखा जा सके। बूथों पर महिला कार्मिकों को मतदान अधिकारी द्वितीय बनाया जा रहा है, जो मतदाताओं को मतपत्र और उनकी अंगुली में अमिट स्याही लगाएंगी। इन कर्मचारियों के रूप में 10 ऐसी महिलाओं की ड्यूटी लगा दी गई, जो मातृत्व अवकाश पर थीं।
मृत कर्मचारी को भेज दी ड्यूटी
नलकूप विभाग में तैनात त्रिभुवन नारायण ¨सह को मतदान अधिकारी प्रथम बनाया गया है। इनकी ड्यूटी लगाकर पत्र भेज दिया गया, जिसके मुताबिक उन्हें 21 नवंबर को प्रशिक्षण लेना था, ¨कतु उनका निधन 14 नवंबर को ही हो गया, जिसके चलते यह प्रशिक्षण में अनुपस्थित मिले। कार्रवाई के लिए विभाग से सूचना मांगी गई तो निर्वाचन विभाग को इसकी जानकारी हुई, जिसके बाद उनकी ड्यूटी काट दी गई।
8 शिक्षामित्र की लगी थी ड्यूटी
शिक्षा मित्र सहायक अध्यापक बन गए थे। हालांकि बाद में इन्हें पुन: शिक्षा मित्र बना दिया गया, जिसके आधार पर इन्हें कार्मिक के रुप में दूसरे बूथों पर नहीं नियुक्त किया जा सकता है, लेकिन 8 शिक्षामित्रों की ड्यूटी लग गई थी, जिसे अब संज्ञान में आने के बाद काट दिया गया।
वर्जन
चुनाव में ड्यूटी लगाने के लिए सभी विभागों से लिस्ट अगस्त में ही मांग ली गई थी, जिसके कारण ये दिक्कतें आईं। हालांकि इनके स्थान पर दूसरे कार्मिकों को नियुक्त कर दिया गया है। - दयाराम, सहायक प्रभारी अधिकारी मतदान कार्मिक
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