UPTET -2017 इनवैलिड रिजल्ट मामले को लेकर बी टी सी अभ्यर्थी व् शिक्षा मित्र कोर्ट की तरफ रुख करने की तैयारी में हैं।
ओएमआर शीट में पूर्व विवरण न भरे जाने पर ओएमआर शीट को चेक न किया जाये , ऐसे कई आदेश माननीय हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने UPTET परीक्षा के लिए पहले ही दिए हैं तथा कॉपी चेक किये जाने की मांग करने वाली याचिका को ख़ारिज किया है।
UPTET -2015 में आवेदक सौरभ कुमार सिंह ने ओएमआर शीट में भाषा वाले गोले को गलती से खाली छोड़ दिया। परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने अभ्यर्थी के रिजल्ट को इनवैलिड घोषित किया। आवेदक ने लखनऊ बेंच में याचिका Case :- MISC. SINGLE No. - 15684 of 2016 दायर की। जस्टिस डाक्टर देवेंद्र कुमार अरोरा ने अभ्यर्थी की याचिका डबल बेंच में पारित आदेशों Special Appeal Defective No. 123 of 2014 : Smt. Arti Verma Vs. State of U.P. and 2 others व् Special Appeal No.834 of 2013, Ram Mahohar Yadav Vs. State of U.P. and Others में पारित आदेशों का हवाला देते हुए याचिका ख़ारिज कर दी।
Special Appeal Defective No. 123 of 2014 : इस केस में आवेदक ने संविदा के पद हेतु गलत कैटेगरी में आवेदन कर दिया था। कोर्ट का कहना था की "अभ्यर्थी को यदि आवेदन सही करने का मौका दिया जायेगा तो गंभीर अनिश्चितता उत्पन्न होगी जो की आर्टिकल 226 के तहत मान्य नहीं है। हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने उक्त याचिका को रद्द करके कोई गलती नहीं की। " याचिका डबल बेंच से भी ख़ारिज हुई।
Special Appeal No.834 of 2013: इस केस में कोर्ट का कहना था कि " जो शिक्षक अपनी नौकरी हेतु ठीक से आवेदन पत्र तक नहीं भर सकता यदि उसकी नौकरी लग जाये तो वह बच्चों को क्या पढ़ायेगा ? इस मामले में कोर्ट द्वारा कई आदेश पारित किये गए हैं मगर किसी भी कोर्ट ने आर्टिकल 226 के तहत ऐसी मांग वाली याचिका को स्वीकार नहीं किया है। याचिका कर्ता को तब तक इंतज़ार करना चाहिए जब तक वह अपनी नौकरी के लिए ठीक से फॉर्म भरने लायक न हो जाये। अपील ख़ारिज की जाती है।
उक्त आदेशों के अतिरिक्त UPTET -2016 में गोला न भरने वाले अभ्यर्थियों की याचिका प्रियंका द्विवेदी व् अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य ख़ारिज हुई थी. जिसमे याचियों के अधिवक्ता श्री अशोक खरे (बाबू जी ) ने बहस की थी।
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ओएमआर शीट में पूर्व विवरण न भरे जाने पर ओएमआर शीट को चेक न किया जाये , ऐसे कई आदेश माननीय हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने UPTET परीक्षा के लिए पहले ही दिए हैं तथा कॉपी चेक किये जाने की मांग करने वाली याचिका को ख़ारिज किया है।
UPTET -2015 में आवेदक सौरभ कुमार सिंह ने ओएमआर शीट में भाषा वाले गोले को गलती से खाली छोड़ दिया। परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने अभ्यर्थी के रिजल्ट को इनवैलिड घोषित किया। आवेदक ने लखनऊ बेंच में याचिका Case :- MISC. SINGLE No. - 15684 of 2016 दायर की। जस्टिस डाक्टर देवेंद्र कुमार अरोरा ने अभ्यर्थी की याचिका डबल बेंच में पारित आदेशों Special Appeal Defective No. 123 of 2014 : Smt. Arti Verma Vs. State of U.P. and 2 others व् Special Appeal No.834 of 2013, Ram Mahohar Yadav Vs. State of U.P. and Others में पारित आदेशों का हवाला देते हुए याचिका ख़ारिज कर दी।
Special Appeal Defective No. 123 of 2014 : इस केस में आवेदक ने संविदा के पद हेतु गलत कैटेगरी में आवेदन कर दिया था। कोर्ट का कहना था की "अभ्यर्थी को यदि आवेदन सही करने का मौका दिया जायेगा तो गंभीर अनिश्चितता उत्पन्न होगी जो की आर्टिकल 226 के तहत मान्य नहीं है। हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने उक्त याचिका को रद्द करके कोई गलती नहीं की। " याचिका डबल बेंच से भी ख़ारिज हुई।
Special Appeal No.834 of 2013: इस केस में कोर्ट का कहना था कि " जो शिक्षक अपनी नौकरी हेतु ठीक से आवेदन पत्र तक नहीं भर सकता यदि उसकी नौकरी लग जाये तो वह बच्चों को क्या पढ़ायेगा ? इस मामले में कोर्ट द्वारा कई आदेश पारित किये गए हैं मगर किसी भी कोर्ट ने आर्टिकल 226 के तहत ऐसी मांग वाली याचिका को स्वीकार नहीं किया है। याचिका कर्ता को तब तक इंतज़ार करना चाहिए जब तक वह अपनी नौकरी के लिए ठीक से फॉर्म भरने लायक न हो जाये। अपील ख़ारिज की जाती है।
उक्त आदेशों के अतिरिक्त UPTET -2016 में गोला न भरने वाले अभ्यर्थियों की याचिका प्रियंका द्विवेदी व् अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य ख़ारिज हुई थी. जिसमे याचियों के अधिवक्ता श्री अशोक खरे (बाबू जी ) ने बहस की थी।
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