इस्तेमाल ही नहीं किया है। सामान्य ज्ञान में भी वे काफी फिसड्डी हैं। सर्वे में करीब 28 फीसद किशोर देश की राजधानी का नाम नहीं पता पाए।
देश के 14 से 18 साल के किशोरों को केंद्रित कर तैयार की गई असर (एनुअल स्टेटस एजुकेशन ) की 2017 की में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। किशोरों पर केंद्रित इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य यह है कि यदि उनको समय रहते ज्ञान, कौशल और अवसर के स्तर पर विकसित नहीं किया गया, तो इसका खामियाजा आने वाले समय में देश के विकास पर पड़ेगा। देश में मौजूदा समय में 14 से 18 साल के बीच के किशोरों की संख्या 10 करोड़ से ज्यादा है। 1गौरतलब है कि असर ने यह सर्वे हाल ही में देश के 24 राज्यों के 28 जिलों में किया है। 1641 से ज्यादा गांवों के 30 हजार से ज्यादा किशोरों ने हिस्सा लिया है। सर्वे के लिए देश के करीब 35 संस्थानों के दो हजार स्वयंसेवकों की मदद भी ली गई है। असर अब तक सर्वे में सिर्फ प्राथमिक शिक्षा को ही केंद्रित करता रहा है।
- 14 से 18 साल के किशोरों पर कराए गए सर्वे से मिली जानकारी
- सामान्य ज्ञान में भी किशोर काफी फिसड्डी हैं
मोबाइल का क्रेज बढ़ा
सर्वे में ज्यादातर किशोरों की कंप्यूटर और इंटरनेट से दूरी बताई गई है, जबकि उनके बीच मोबाइल का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक देश के करीब 73 फीसद किशोर मौजूदा समय में मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं। किशोरों में मोबाइल के इस्तेमाल का यह आंकड़ा उम्र के साथ बढ़ता जाता है। 14 साल की उम्र में मोबाइल का इस्तेमाल सिर्फ 64 फीसद किशोर करते हैं, जबकि 18 साल की उम्र में आते-आते मोबाइल का इस्तेमाल करने वालों का अनुपात 82 फीसद हो जाता है। वहीं मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करने वाले किशोरों में करीब 22 फीसद लड़कियां हैं, जबकि लड़कों की संख्या 12 फीसद है।
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