सरकार को शिक्षक भर्ती तो करनी नहीं क्योंकि भर्ती के नाम पर सिर्फ
फॉर्म ही भरवाए जा रहे हैं ..इधर शिक्षक हैं नहीं उधर नामांकन बढाने पर जोर
...और ऐसे में पिस रहे हैं गरीब बच्चे ...यदि सरकार फिर भी कुछ सुधार
चाहती है तो मेरी एक राय है .....
डीएलएड को तीन साल का कर दे और अंतिम वर्ष में प्रत्येक प्रशिक्षु को
अनिवार्य रूप से एक साल के लिए प्राइमरी स्कूल में पढ़ाने के लिए भेजे
....और इस दौरान कुछ मानदेय भी दे.....उसकी उपस्थिति beo द्वारा
प्रमाणित
हो ....उसके हस्ताक्षर विद्यालय के अध्यापको के साथ एक ही रजिस्टर पर
हो.....इससे हर साल एक अच्छी संख्या में शिक्षक मिल जायेंगे और न rte का
लफडा न संविदा की नौटंकी ....
बीएड को इंटर कॉलेज में ......
आपकी राय ????
sponsored links:
0 تعليقات