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शिक्षा मित्र फिर पहुंचे हाईकोर्ट, संशोधन का मांगा लाभ, मिलेगी चार साल की मोहलत ?

लखनऊ. हाईकोर्ट ने अनिवार्य शिक्षा कानून 2009 में 10 अगस्त 2017 को किए गए संशोधन का फायदा अप्रशिक्षित शिक्षा मित्रों को भी दिए जाने को लेकर प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा से जानकारी मांगी है।
संसोधन के मुताबिक 31 मार्च 2015 को काम कर रहे गैर प्रशिक्षित अध्यापकों को प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए चार साल की छूट दी जाएगी। शिक्षा मित्रों ने भी इस संशोधन का लाभ देने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की है।

कोर्ट ने मांगी जानकारी
शिक्षा मित्रों की याचिका पर न्यायमूर्ति एम. सी. त्रिपाठी सुनवाई कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने यूपी सरकार से जानकारी मांगी है कि इस छूट का लाभ शिक्षा मित्रों को मिलेगा या नहीं। याचिकाकर्ता के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई 2017 को शिक्षा मित्रों का सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन रद्द कर दिया था। इस आदेश के बाद प्रदेश सरकार ने शिक्षा का अनिवार्य कानून 2009 की धारा 23 (2) में संशोधन करके व्यवस्था दी कि 31 मार्च 2015 को जो गैरप्रशिक्षित अध्यापक पढ़ा रहे थे, उनको प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए चार साल की छुट्टी दी जाएगी।

मिले चार साल की छूट का फायदा
याची 2 अगस्त 2014 से प्राइमरी स्कूल में शिक्षा मित्र से सहायक अध्यापक बना था और 31 मार्च 2015 को कार्यरत था। इसलिए उसको भी प्रशिक्षण प्राप्त करने और टीईटी पास करने के लिए चार साल की छूट का फायदा मिलना चाहिए। याची ने मांग की कि उसे 25 अगस्त 2021 तक काम करने का अधिकार है। इसलिए याचिका पर निर्णय होने तक उसे 10 हजार रुपए के मानदेय पर काम करने दिया जाए। याची का कहना है कि 20 सितंबर 2017 के शासनादेश पर शिक्षा मित्रों को 10 हजार रुपए के मानदेय पर नौकरी दी गई है। लेकिन उसे नियुक्त नहीं किया जा रहा है। जिसपर कोर्ट ने संबंधित बीएसए को निर्देश दिया है कि याची को 20 सितंबर के शासनादेश का लाभ देकर नियुक्ति की जाए।

हम हारे नहीं, हमें हराया गया

वहीं उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश संरक्षक शिव कुमार शुक्ला ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा हारे नहीं है, हमें हराया गया है। न्याय के मंदिर में जब इस तरह की व्यवस्था हो रही है तो देश के अंदर लोग मरेंगे, बेकार होंगे। आगामी 18 जनवरी को होने वाले रिव्यू में उन्हें राहत अवश्य मिलेगी और सभी शिक्षा मित्रों को उनके शिक्षक पद पर भेजा जाएगा। शिव कुमार शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में एक लाख से ज्यादा टीचर आज अपने भविष्य के लिए आशंकित हैं। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिया गया निर्णय समायोजित शिक्षकों के ऊपर कहर बनकर टूटा है। सुप्रीम कोर्ट आगामी 18 जनवरी को शिक्षा मित्रों से संबंधित रिव्यू को देखेगा।
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