इलाहाबाद : परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों के अंतर जिला तबादले में बेसिक
शिक्षा अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। इसकी वजह यह है कि वीआइपी जिलों में
जाने के लिए मारामारी है, शिक्षक चाहते हैं कि वहां जाने के लिए उनके पक्ष
में रिपोर्ट लगा दी जाए।
कई जिलों के बीएसए नियमों को दरकिनार करके कार्य
कर रहे हैं। इसका परिषद सचिव ने संज्ञान लेते हुए निर्देश दिया है कि
सत्यापन में गड़बड़ी होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही तय समय में
आवेदनों का सत्यापन पूरा किया जाए।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों के
अंतर जिला तबादले की प्रक्रिया चल रही है। परिषद ने एनआइसी की वेबसाइट पर
पहले 16 से 29 जनवरी तक पांच साल की सेवा अवधि पूरा करने वाले शिक्षकों के
ऑनलाइन आवेदन लिए हैं। हाईकोर्ट के निर्देश पर नौ से 15 फरवरी तक उन
शिक्षिकाओं से आवेदन लिए गए जो अपने पति के निवास स्थान या फिर ससुराल वाले
जिले में जाना चाहती हैं। उन्हें पांच वर्ष की सेवा से छूट दी गई है।
शिक्षकों ने पिछले दिनों बीएसए कार्यालय पर आवेदन की हार्डकॉपी जमा करके
काउंसिलिंग भी करा ली है। अब बीएसए ऑनलाइन आवेदनों का सत्यापन कर रहे हैं।
इसकी मियाद भी शुक्रवार शाम को पांच बजे पूरी हो गई है। तमाम जिलों के
बीएसए यह कार्य तय समय में पूरा नहीं कर सके हैं।
यही नहीं इस बार प्रदेश के वीआइपी जिलों मसलन, लखनऊ, कानपुर, मेरठ,
गाजियाबाद, आगरा आदि में जाने के लिए शिक्षक प्रयास कर रहे हैं। वहीं, जिन
जिलों में शिक्षक कम हैं वहां दूसरे जिले से आने वालों को आसानी से जाने का
भी मौका मिल रहा है। इस स्थिति का बीएसए फायदा उठाकर सत्यापन नियमों से
परे जाकर कर रहे हैं। इसकी शिकायतें परिषद मुख्यालय तक पहुंची हैं। इस पर
सचिव संजय सिन्हा ने कहा है कि अंतर जिला तबादले का आधार शिक्षकों के
गुणवत्ता अंक हैं। सभी बीएसए को पत्र भेजकर कहा गया है कि ऑनलाइन आवेदनों
का सत्यापन पूरी पारदर्शिता व शुचिता से किया जाए। किसी प्रकार की देरी या
फिर गड़बड़ी की स्थिति में बीएसए जिम्मेदार होंगे और उन पर कठोर कार्यवाही
की जाएगी। माना जा रहा है कि इस माह के अंत तक सभी जिलों से सत्यापन
रिपोर्ट आ जाएगी, तब परिषद उनकी जांच करेगा। तबादला आदेश बोर्ड परीक्षा
खत्म होने के बाद जारी होने के आसार हैं।
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