शिवली/कानपुर देहात (ब्यूरो) – सरकार और सरकारी तंत्र
का चोली दामन का साथ दिल और उसकी धड़कन की तरह होता है। सरकारी तंत्र की
कार्यशैली कार्य व्यवहार से ही सरकार की छबि को बनाती तथा बिगाड़ती है। जब
वह गैर जिम्मेदार हो जाता है तो सरकार बदनाम हो जाती है
और सरकारी तंत्र के
गुनाहों की सजा हमेशा की तरह सरकार को मिलने लगती है। कभी कभी तो सत्ता तक
छोड़ने की नौबत आ जाती है।सरकार की संवैधानिक दायरे में आने वाली इच्छाओं
एवं योजनाओं को मूर्ति रुप प्रदान करना सरकारी तंत्र का नैतिक धर्म बनता
है। प्रदेश के मुख्यमंत्री संत महंत योगीजी के शपथ लेते ही बदले तेवर से
सरकारी तंत्र में खलबली मच गई थी और कुछ दिनों तक तो लग रहा था कि अब
रामराज आ जायेगा।
कुछ ही दिनों बाद योगीजी का डर धीरे धीरे खत्म होने लगने लगी और सरकारी
तंत्र पहले की तरह अपनी राह पर चलने लगा है।आज भी हर जगह पैसा बोलता है और
पैसा का बोलना ही रामराज में बाधक बना हुआ है।नोयडा पुलिस मुठभेड़ की जांच
सीबीआई से कराने के निर्देश विधान परिषद के सभापति दे चुके हैं।इलाहाबाद
में दलित युवक की हत्या हो चुकी है और कासगंज में साम्प्रदायिक हिंसा हो
चुकी है।यह सही है कि सूबे में काबिज योगी सरकार को विकार रहित प्रगतिशील
ऐतहासिक स्वरूप प्रदान करने में जुटे हैं और योगी जी की चर्चा गाँव शहर हर
गली मुहल्ले में होने लगी है।
सरकार का महत्वपूर्ण शिक्षा विभाग भी जैसे भांग खाये हुये है और उसके
पागलपन से सरकार पर विपरीत प्रभाव पड़़ रहा है। जाड़े का मौसम खत्म होने की
कगार पर है और शिक्षा विभाग सभी बच्चों को आज तक स्वेटर उपलब्ध नहीं करा
सका है।सभी स्कूली बच्चों को अब तक स्वेटर न मिल पाने से सरकार की छवि खराब
हो रही है।शिक्षा सत्र समाप्त होने वाला है बच्चों को वितरित की जाने के
लिए आई किताबे सो पीस बनी अलमारियों में धूल खा रही है।
इधर सरकारी स्कूलों में होने वाले तमाम अवकाशों में व्यापक पैमाने पर
कटौती की गयी है जो बच्चों के हित में सराहनीय और स्वागत योग्य कदम है।इससे
शिक्षण कार्य में वृद्धि होगी जिसका प्रभाव सीधे बच्चों की शिक्षा पर
पड़ेगा। सरकार की अवकाश कटौती नीति की आड़ में सरकारी तंत्र ने जन्माष्टमी
जैसे पर्व तक को एक सोची समझी साजिश के तहत अवकाश सूची से गायब करके सरकार
के लिए बखेड़ा खड़ा कर दिया गया। बखेड़ा खड़ा होने इसके बाद दो दिन पहले ही फिर
से जन्माष्टमी का अवकाश घोषित करके भूल के लिये क्षमा माँग ली गयी है।इसी
तरह नहर विभाग ने नवम्बर दिसम्बर महीने तब नहरों की खुदाई कराई जबकि
किसानों को पलेवा करने के लिये पानी की जरुरत थी।जब नहरों में पानी नहीं
होता है तब नहरों की पटरियों का संरक्षण मरम्मत नही की जाती है जिससे यदि
कभी पानी आता भी है तो नहर को काटकर तबाही मचाने से रोका जा सके है।
सरकारी तंत्र की गलतियों का दोष सरकार को लगता है और उसकी छबि धूमिल
होती है। सरकारी तंत्र से जुड़े विभागों और उनके अधिकारियों कर्मचारियों की
छबि से सरकार की छबि देखी जाती है इसलिए सरकारी तंत्र को छबिवान होना
चाहिए।शिक्षा विभाग और सरकार की लापरवाही के चलते करोड़ों अरबों खर्च करने
के बावजूद शिक्षकों के अभाव में शिक्षा सदन से विद्यार्थी सदन बनते जा रहे
हैं। सोचने वाली बात है कि एक दो या फिर कहीं कहीं तीन शिक्षकों
शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों के सहारे एक साथ अलग अलग कक्षाओं की अलग अलग
विषयों की कक्षाएं कैसी चलाई जा सकती है? लोग अपने बच्चों को पढ़ाने के
स्कूल भेजते हैं ड्रेस किताब खाना खाने के लिए नहीं।यहीं कारण है कि सरकारी
स्कूलों की अपेक्षा प्राइवेट स्कूलों में अधिक होती जा रही है। कुछ
विद्यालय के शिक्षकों के समर्पण भाव के चलते इस नाजुक दौर में भी कुछ
प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय और वहाँ के बच्चे माडल स्कूल बने हुये हैं।
जबसे शिक्षा मित्रों को शिक्षक की जगह पुनः शिक्षा मित्र बना दिया गया है
तबसे उनमें उदासी छायी है और सारा समय तनाव में रहने का दुष्प्रभाव बच्चों
की शिक्षा पर पड़ रहा है ।
sponsored links:
Information on UPTET Exam , Results , UPTET Admit Cards , 69000 Shikshak Bharti , Counselling , Niyukti Patra for UP Teachers & other related information
Ads Section
Follow Us
- ख़बरें अब तक
- सरकारी नौकरी
- Big Breaking News :सुप्रीमकोर्ट , शिक्षामित्र केस
- UPTET Merit / Counseling / Appointment
- rss
- MNP
- Online Bill Payment
- Online Booking
- Plan Change
- Registration / Payment Process for Landline
- SMS & Voice Calls
- Unlimited Calls
- Unlimited Internet Plan
- VAS services
- WiFi Hotspots
Breaking Posts
Breaking News
- प्रशिक्षु शिक्षक चयन-2011 (12091 अभ्यर्थियों की सूची) डाउनलोड करें
- 2004 में शिक्षामित्रों की नियुक्तियों हेतु जारी विज्ञप्ति: इसी विज्ञप्ति के आधार पर हुआ था शिक्षामित्रों की का चयन
- समस्त AD बेसिक व BSA के CUG मोबाइल नम्बर : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News
- Breaking - 12091 candidate की list online : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News
- आश्रम पद्धति के स्कूल के शिक्षकों का वर्तमान वेतनमान/मानदेय
Top Post Ad
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment