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खंगाली गई नियमावली... नेता सदन को बैठना पड़ा

एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ
विधान परिषद में उस समय अजब स्थिति पैदा हो गई जब नेता सदन के वक्तव्य के दौरान सपा सदस्य शतरुद्र प्रकाश व्यवस्था का सवाल उठाने के लिए खड़े हो गए। नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा की आपत्ति पर दोनों में तीखी बहस हो गई और एक-दूसरे पर धमकी देकर सदन चलाने का आरोप लगाया।
सभापति और नेता प्रतिपक्ष ने भी शतरुद्र से बैठने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं माने। शतरुद्र ने कहा मैं नहीं बैठूंगा। सभापति चाहें तो मुझे सजा दे दें। बाद में इसके लिए नियमावली खंगाली गई। आखिरकार नियम के अनुसार शतरुद्र को बोलने का मौका दिया गया और नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा को बैठना पड़ा।
विधान परिषद में सपा ने कार्य स्थगन के तहत आलू किसानों का मुद्दा उठाया। आनंद भदौरिया ने प्रस्ताव रखा और संजय लाठर व नरेश उत्तम ने अपनी बात रखी। नरेश उत्तम ने पूछा, सरकार बताए कि पिछले साल कहां-कहां आलू क्रय केंद्र खोले गए और इस साल कहां खोले जाएंगे। नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि सरकार ने आलू, गेहूं और धान की रेकॉर्ड खरीद की है। इसी बीच सपा सदस्य शतरुद्र प्रकाश खड़े हो गए तो डॉ. दिनेश शर्मा ने आपत्ति उठाई। उन्होंने कहा कि आपके तीन सदस्य बोल चुके हैं। अब आपको बीच में नहीं बोलना चाहिए। शतरुद्र ने कहा कि व्यवस्था का सवाल बीच में उठाया जा सकता है। दिनेश शर्मा ने कहा कि सदन नियमों के हिसाब से चलता है। नेता सदन के वक्तव्य के दौरान बीच में किसी को नहीं बोलना चाहिए। शतरुद्र प्रकाश नहीं माने और बोले, हम भी नियम जानते हैं। दिनेश शर्मा ने कहा कि आप धमकाकर सदन नहीं चलवा सकते। इस पर सपा के अन्य सदस्य भी खड़े हो गए और बोले कि सरकार की धमकी से भी सदन नहीं चलेगा।
सभापति ने भी शतरुद्र प्रकाश से बैठने को कहा, लेकिन वह नहीं माने। दिनेश शर्मा ने इसे पीठ का अपमान बताया। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष से भी अपने सदस्य को बैठाने के लिए कहा, लेकिन शतरुद्र किसी के कहने पर नहीं माने और कहा कि अगर मैं गलत हूं तो सभापति मुझ पर कार्रवाई करें। आलू किसानों के लिए हम सजा के लिए तैयार हैं। बाद में सभापति ने नियमावली निकलवाई और बताया गया कि व्यवस्था का सवाल कोई भी सदस्य कभी भी उठा सकता है। जो भी उस समय बोल रहा होगा, उसे बैठना होगा। सभापति का निर्णय अंतिम होगा। इस बीच बीजेपी सदस्यों ने भी नियमावली खोलकर उसकी व्याख्या की लेकिन सपा सदस्यों ने कहा कि सभापति तय करेंगे। आखिरकर सभापति ने शतरुद्र प्रकाश को बोलने का मौका दिया।
केंद्र को बताई "646/कुंतल आलू की लागत
शतरुद्र प्रकाश के बोलने के बाद नेता सदन का वक्तव्य हुआ। डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि आलू का मूल्य केंद्र सरकार लागत और बाजार के अनुसार केंद्र तय करती है। पिछले साल 487 रुपये प्रति कुंतल की दर से आलू खरीदा गया। हमने इस साल केंद्र को प्रस्ताव भेजा है कि 646 रुपये प्रति कुंतल किसान की लागत आ रही है। सरकार के इस जवाब से सपा सदस्य संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने कहा कि आलू किसानों को एक कुंतल पर 1000 रुपये से ज्यादा लागत आती है। ऐसे में डेढ़ गुना मूल्य के हिसाब से 1500 रुपये प्रति कुंतल दर तय की जाए। इस मुद्दे पर बहस के बाद सपा सदस्य वॉक आउट करके सदन से बाहर चले गए।
'रामराज्य' में बढ़ गए हैं रिश्वत के रेट
एटा में मानदेय न मिलने पर शिक्षामित्र की आत्महत्या का मामला विधान परिषद में शिक्षक दल ने उठाया। दल के नेता ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि वेतन और मानदेय के लिए शिक्षकों से रिश्वत मांगी जा रही है। सरकार कहती है रामराज्य आ गया। रिश्वत के रेट बढ़ गए हैं। ऐसा रामराज्य हम देख रहे हैं। जो नौकरी कर रहा है, उसे वेतन मिलना चाहिए लेकिन सरकार कहती है कि जांच करा रहे हैं। इसमें जांच की क्या जरूरत है, वेतन दिलवाइए। उन्होंने कहा कि इस उम्र में मेरी हालत भीष्म पितामह जैसी है। अन्याय हो रहा है और हम देख रहे हैं। सरकार सुनने को तैयार नहीं है। इस पर डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि पता नहीं उन्होंने भीष्म पितामह शब्द का इस्तेमाल क्यों किया? कर ही दिया है तो मैं कहना चाहूंगा कि हम यहां पर पांडव हैं, जो आपकी आज्ञा का पालन करेंगे।
अपर सचिव करेंगे जांच
नेता सदन ने बीएसए की रिपोर्ट पढ़कर सुनाई और कहा बताया कि जितने दिन शिक्षामित्र ने काम किया, उतने दिन का वेतन दिया गया। जब वह अनुपस्थित रहे, वह वेतन नहीं दिया गया। इस पर शिक्षक दल नेताओं ने आपत्ति जताई कि जो बीएसए और लेखाधिकारी वेतन रोक रहे हैं, उनकी ही रिपोर्ट सरकार पढ़ रही है। सदन में कोई सदस्य अपनी सुनिश्चित जानकारी रखता है तो उसकी बात मानी जाती है, ना कि अधिकारी की। बाद में नेता सदन ने कहा कि कुछ दिन का वेतन देने में विलंब हुआ है, इसकी जांच अपर सचिव से करवाई जाएगी।
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यादव मारा जाए तो अपराधियों को छूट मिल जाती है
कार्य स्थगन के तहत सपा ने आजमगढ़ में सपा कार्यकर्ता की हत्या का मुद्दा उठाया। सपा सदस्य सुनील सिंह साजन ने कहा कि सरकार कानून से चलेगी या यह देखकर कि कौन सपा कार्यकर्ता है या पिछड़ी जाति का है। बलराम यादव ने कहा कि नौ जनवरी को हमारे कार्यकर्ता राजबहादुर यादव की निर्मम हत्या की गई। पांच लोग नामजद किए गए, लेकिन गिरफ्तारी नहीं हुई। अफसरों और कुछ सत्ताधारी नेताओं से अपराधियों के संबंध हैं। उन्होंने कहा कि जो मारा गया वह यादव था तो क्या अपराधियों को छूट मिल जाती है। यह छूट मनुवाद का ही उदाहरण है। नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने कहा कि अपराधी सिर को धड़ से अलग कर रहे हैं और सरकार समाज को अलग कर रही है। इस पर नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि सरकार बिना किसी भेदभाव के काम कर रही है। आजमगढ़ की घटना का मनुवाद से संबंध नहीं है। दो लोगों की आपसी रंजिश का नतीजा है। तीन नामजद पकड़ लिए गए हैं।
'रामराज्य' पर बहस
बसपा सदस्यों ने मेरठ में छात्र की हत्या का मुद्दा उठाया। सुनील सिंह चित्तौड़ ने कहा कि इतने अपराध हो रहे हैं और कमजोरों को मारा जा रहा है, लेकिन सरकार कह रही है कि रामराज्य आ गया। रामराज्य में उस समय शंबूक ऋषि की हत्या की गई थी और अब भी वही हो रहा है। उस लिहाज से ये रामराज्य कहा जा सकता है। इस पर नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि भगवान राम ने शबरी के बेर भी खाए थे। उन्होंने कोल-भील की सेना बनाई थी। क्षत्रिय सेना लेकर लंका पर विजय करने नहीं गए थे। सुनील चित्तौड़ ने कहा कि नेता सदन कह रहे हैं कि जात-धर्म के नजरिए से न देखा जाए। क्यों न देखें, जब हमारा संविधान कहता है कि कमजोरों को संरक्षण दिया जाएगा। उनका पालन नहीं होगा तो मुद्दा उठेगा। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इस पर आपत्ति जताई तो बीएसपी सदस्य वेल में आ गए। उनके साथ सपा सदस्य भी आ गए और नारेबाजी करने लगे। उन्होंने मनुवाद और सामंतवाद विरोधी नारे लगाए।
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