इलाहाबाद : हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड की
ओर से आयोजित उपनिरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक, लिपिक व कंप्यूटर ऑपरेटर
ग्रेड ए की परीक्षा का परिणाम जारी होने के बाद निरस्त कर देने पर
भर्ती बोर्ड और प्रदेश सरकार से तीन सप्ताह में जवाब
मांगा है।
पंकज जायसवाल और अन्य ने याचिका दाखिल कर गत 29 जनवरी को भर्ती
रद करने के आदेश को चुनौती दी है। याचिका की न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता
सुनवाई कर रहे हैं। 1याची के अधिवक्ता का कहना है कि पुलिस भर्ती बोर्ड ने
उपनिरीक्षक गोपनीय और सहायक उपनिरीक्षक, (लिपिक) लेखा के 609 पदों पर
भर्ती का विज्ञापन 26 दिसंबर 2016 को जारी किया गया। 1इसी प्रकार से तीन
मई, 2017 को कंप्यूटर ऑपरेटर ग्रेड ए के 666 पदों का विज्ञापन जारी किया
गया। 13 सितंबर, 2017 को दोनों की एक साथ ऑनलाइन लिखित परीक्षा कराई गई। 21
सितंबर, 2017 को उसकी आंसर शीट जारी की गई। अभ्यर्थियों ने आंसर शीट पर
अपनी आपत्तियां दी, जिसे संशोधित करते हुए 13 नवंबर, 2017 को संशोधित आंसर
शीट जारी की गई। उसी दिन विज्ञप्ति निकाली गई कि आपत्तियों का निस्तारण
करते हुए संशोधित आंसर शीट जारी की जा रही है। इसके बाद 29 जनवरी, 2018 को
अचानक यह कहते हुए परीक्षा निरस्त कर दी गई कि आंसर शीट को लेकर आई
आपत्तियां सही हैं। इससे परीक्षा की शुचिता और पारदर्शिता प्रभावित होगी,
इसलिए परीक्षा निरस्त की जा रही है। अधिवक्ता का कहना था कि सभी भर्ती
बोर्ड आंसर शीट और फिर संशोधित आंसर शीट जारी करते हैं। मात्र आंसर शीट में
आई आपत्तियों के आधार पर परीक्षा निरस्त करना अनुचित है। कोर्ट ने इस
मामले में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।
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