जासं, इलाहाबाद : इलाहाबाद विश्र्वविद्यालय के 11 संघटक कॉलेजो मे शिक्षक
भर्ती तो शुरू हो गई पर विश्र्वविद्यालय मे अभी तक भर्ती प्रक्रिया नही
शुरू की जा सकी है। इसके पीछे विश्र्वविद्यालय विजिटर नॉमिनी का न मिल पाना
है। 31 दिसंबर 2017 को विजिटर नॉमिनी के पांच सदस्यो का कार्यकाल समाप्त
होने के बाद
अभी तक एमएचआरडी की ओर से नए नाम नही आए है। इलाहाबाद
विश्वविद्यालय ने पहले दो विषयो मे साक्षात्कार का कार्यक्रम भी घोषित किया
था, लेकिन बाद मे उसे स्थगित कर दिया गया। शिक्षक भर्ती के लिए इटरव्यू का
नया कार्यक्रम अब तक जारी नही किया जा सका है। विवि के सघटक कॉलेजो मे
शिक्षक भर्ती को लेकर शुरू से ही विवाद बना हुआ है। आवेदनो की स्क्रीनिंग
चयन समिति के गठन को लेकर तमाम तरह की गड़बडि़यो की शिकायते की गई है।
कुलपति ने शिकायतो के आलोक मे सेवानिवृला न्यायमूर्ति से जाच कराने का
निर्णय लिया है। महाविद्यालयो मे शिक्षक भर्ती करीब दो माह से शुरू है।
महाविद्यालयो मे शिक्षक भर्ती मे धांधली की शिकायते सामने आने के बावजूद
कालेजो मे भर्ती प्रक्रिया पर कोई प्रभाव नही पड़ा है। एमएचआरडी ने कुलपति
से इस संबंध मे विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है। इलाहाबाद विश्र्वविद्यालय के
जनसंपर्क अधिकारी प्रो. हर्ष कुमार का कहना है कि विजिटर के नॉमिनी के लिए
एमएचआरडी को कई बार पत्र लिखा जा चुका है। यह प्रक्रिया लंबी होती है। इसमे
समय लगता है। विश्र्वविद्यालय की ओर से आवेदन पत्रो की विषयवार स्क्रीनिंग
का काम जारी है। कुछ विषयो की स्क्रीनिंग हो चुकी है। जैसे ही विजिटर के
नॉमिनी के नाम एमएचआरडी की ओर से विश्र्वविद्यालय को मिल जाएंगे और नॉमिनी
की साक्षात्कार बोर्ड मे उपलब्धता संभव होगी साक्षात्कार शुरू कर दिए
जाएंगे। विश्र्वविद्यालय खुद इस बात को लेकर संजीदा है कि शिक्षक भर्ती
जल्द शुरू की जाए और इस कमी को दूर किया जाए।
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