फर्जी माध्यमिक शिक्षा परिषद कार्यालय से नियुक्तियां: निदेशक व सचिव पदनाम से निकला साक्षात्कार व नियुक्ति का पत्र

इलाहाबाद1माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड का मुख्यालय इलाहाबाद में है। यह जगजाहिर होने के बाद भी जालसाजों ने लखनऊ के फर्जी परिषद कार्यालय के नाम से लिपिकों की नियुक्तियां कर डालीं। महिला
लिपिक का इटावा से वाराणसी तबादला आदेश जारी होने पर नियुक्तियों पर संदेह हुआ।
खास बात यह है कि तबादला आदेश वाले पत्र में शासन के चिह्न् का भी इस्तेमाल किया गया। जांच में यूपी बोर्ड मुख्यालय ने इन नियुक्तियों को फर्जी करार दिया है। 1माध्यमिक शिक्षा परिषद यानि यूपी बोर्ड मुख्यालय व उसके क्षेत्रीय कार्यालयों में फर्जी अंक व प्रमाणपत्र के बहुतेरे प्रकरण सामने आते रहते हैं। प्रदेश में परिषद का लखनऊ में मुख्यालय का सनसनीखेज मामला सोमवार को सामने आया। जालसाजों ने बबिता मिश्र पत्नी संजय मिश्र निवासी बलिरामपुर पोस्ट हसनपुर वाराणसी का लिपिक पद पर साक्षात्कार का पत्र परिषद सचिव उप्र शासन की ओर से जारी किया। यह इंटरव्यू विधानसभा सचिवालय में होना लिखा गया है। वहीं, माध्यमिक शिक्षा निदेशक नियुक्ति अनुभाग पांच की ओर से 18 मई 2011 को जारी पत्र में कहा गया है कि उन्हें राजकीय कन्या इंटर कालेज इटावा में सहायक लिपिक के पद पर नियुक्ति दी जाती है। इसके एक सप्ताह बाद सचिव माध्यमिक शिक्षा की ओर से 25 मई 2011 को ही बबिता की पारिवारिक स्थिति को देखते हुए उनका तबादला इटावा से वाराणसी होने का आदेश जारी हुआ। इसी तरह से हृदय नारायण मिश्र पुत्र अच्युतानंद मिश्र निवासी ग्राम छतरीपुर पोस्ट शिवपुर जिला वाराणसी का साक्षात्कार होने का पत्र 24 मार्च 2011 को जारी हुआ। इन दोनों ने जब ज्वाइन करना चाहा तो विभागीय अफसरों ने मना किया। बीते एक जनवरी को दोनों की ओर से धोखाधड़ी का मुकदमा वाराणसी के कैंट थाने में दर्ज कराया गया है। 28 जनवरी को वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने साक्षात्कार व नियुक्ति पत्रों के सत्यापन के लिए विशेष वाहक लखनऊ भेजा। वहां शिक्षा निदेशक माध्यमिक शिविर कार्यालय लखनऊ के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी केशराम ने लिखा कि परिषद का मुख्यालय इलाहाबाद में है। इसकी पुष्टि वहीं हो सकती है। सोमवार को इलाहाबाद पहुंचा वाहक बोर्ड मुख्यालय पर अफसरों से मिला। अफसरों ने ऐसे पत्र व नियुक्तियों को सिरे से खारिज किया है। अब वाराणसी पुलिस जालसाजों की तलाश में है। माना जा रहा है कि इस तरह के जालसाजी के शिकार और भी पीड़ित हो सकते हैं।

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