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डीएम से मांगी मृत शिक्षामित्रों की सत्यापन रिपोर्ट

जागरण संवाददाता, बांदा : सुप्रीम कोर्ट द्वारा समायोजन निरस्त करने के बाद जिले से लेकर प्रदेश स्तर तक शिक्षामित्रों ने वृहत प्रदर्शन किया। इस दौरान कई शिक्षामित्रों ने आत्महत्या कर ली तो कुछ की प्रदर्शन के दौरान मौत हो गई।
अब शासन ने ऐसे 106 शिक्षामित्रों की सूची जारी कर इसके सत्यापन की चार दिन में रिपोर्ट तलब की है।
उच्चतम न्यायालय ने 25 जुलाई 2017 शिक्षामित्रों के समायोजन को निरस्त कर दिया था। इसके बाद से प्रदेश भर के शिक्षामित्र सड़कों में उतर आए। शिक्षामित्रों की मांग थी कि सरकार कानून बनाकर उन्हें सहायक शिक्षक बनाए। लेकिन सरकार ने शिक्षामित्रों की मांग पर कोई खास ध्यान नहीं दिया। अदालत के निर्णय का हवाला देते हुए मामले को टाल दिया। हालांकि बाद में सरकार ने शिक्षा


मित्रों के जख्मों में मरहम लगाने के लिए उनके मानदेय को 3500 से बढ़ाकर 10 हजार कर दिया गया। लेकिन शिक्षामित्र सरकार के इस निर्णय से खुश नहीं थे। इस दौरान शिक्षामित्रों के धरना प्रदर्शन के दौरान कई शिक्षामित्रों की मौत भी हो गई। कई शिक्षामित्र इस सदमे को बर्दास्त नहीं कर सके और आत्महत्या भी कर लिया। शिक्षामित्रों के धरना प्रदर्शन के दौरान मौत का मामला जब उच्चतम न्यायालय पहुंचा तो कोर्ट ने शासन से ऐसे शिक्षामित्रों की सूची तलब कर ली। कोर्ट के आदेश के बाद सर्वेद्र विक्रम बहादुर ¨सह शिक्षा निदेशक बेसिक ने सभी जिलाधिकारियों से 23 फरवरी तक मृत शिक्षामित्रों की सूची मांगी है। इसके साथ ही शासन ने 106 मृत शिक्षामित्रों की सूची भी भेजी है। जिसमें कहा गया है कि सूची में मृत शिक्षामित्रों का सत्यापन कर रिपोर्ट प्रेषित करें।
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