Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

अभी आधार को लिंक कराना अनिवार्य नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च की समयसीमा को फैसला आने तक बढ़ाया

नई दिल्ली : आधार का विरोध कर रहे और आधार को मोबाइल और बैंक खातों आदि से 31 मार्च तक लिंक कराने की चिंता में फंसे लोगों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने आधार को विभिन्न योजनाओं से लिंक
कराने की अवधि बढ़ा दी है। अब आपको अपना आधार नंबर 31 मार्च तक मोबाइल फोन कंपनी और बैंक खातों आदि से जोड़ना अनिवार्य नहीं है। आधार कानून की वैधानिकता पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का फैसला आने तक यह अनिवार्य नहीं होगा। हालांकि, कोर्ट ने साफ किया कि नकद सब्सिडी का लाभ लेने आदि से जुड़ी सेवाओं के मामले में यह आदेश लागू नहीं है।1यह अंतरिम आदेश आधार की वैधानिकता पर सुनवाई कर रही प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने ही दिया है। प्रधान न्यायाधीश के अलावा जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस एएम खानविल्कर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अशोक भूषण भी पीठ के सदस्य थे। केंद्र सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने प्रतिपक्षियों की मांग पर कहा कि अगर कोर्ट को ठीक लगता है तो वह आधार लिंक कराने की समयसीमा 31 मार्च से आगे बढ़ा सकता है, लेकिन इससे आधार कानून की धारा 7 के तहत सब्सिडी के नकद भुगतान व लाभ और सेवाओं को अलग रखा जाए। कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल का अनुरोध स्वीकार करते हुए सेवा, सब्सिडी और लाभ के मामलों को छोड़कर बाकी के लिए आधार लिंक कराने की 31 मार्च की तय तिथि सुनवाई पूरी होने और फैसला आने तक बढ़ा दी। इसके अलावा जिस तरह से बैंक में नया खाता खुलवाने के समय आधार कार्ड न होने पर आधार के लिए आवेदन की अर्जी का नंबर देने से खाता खुल जाता है वही नियम तत्काल के तहत पासपोर्ट बनवाने के मामले में भी लागू होगा।
आधार कानून की वैधानिकता पर मंगलवार को भी सुनवाई जारी रही। जिसमें याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील पी. चिदंबरम ने अपनी बहस पूरी कर ली। वरिष्ठ वकील केवी विश्वनाथन बुधवार को बहस करेंगे। मालूम हो कि आधार की वैधानिकता को विभिन्न याचिकाओं के जरिये सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।

sponsored links:

Post a Comment

0 Comments

latest updates

latest updates

Random Posts