लखनऊ : केंद्र सरकार ने यूपी में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना का विस्तार कर दिया है। अब यह योजना प्रदेश के 50 जिलों में संचालित होगी। इनमें उन जिलों को लिया गया है जहां स्त्री-पुरुष अनुपात कम है। महिला कल्याण विभाग इस योजना के संचालन के लिए कार्ययोजना बनाने में जुट गया है।
केंद्र सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत 22 जनवरी, 2015 को की थी। यह योजना कम लिंगानुपात वाले देशभर के 100 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई थी। उस समय इसमें यूपी के 10 जिलों का चयन किया गया था। बाद में 11 जिले और जोड़े गए। अब सरकार ने इस योजना को प्रदेश के 50 जिलों में लागू करने का फैसला लिया है। इसमें कन्या भ्रूण हत्या रोकने के साथ ही उन्हें सुरक्षा देना है। बेटियों की पढ़ाई पर भी इसमें फोकस किया गया है। इसके लिए सामाजिक आंदोलन व जनजागरूकता अभियान चलाये जाएंगे। केंद्र सरकार से योजना के विस्तार का पत्र आने के बाद महिला कल्याण विभाग ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। योजना के तहत 50 जिलों में से 47 में मल्टी सेक्टोरल एक्टिविटीज के साथ ही जनजागरूकता के कार्यक्रम संचालित किये जाएंगे। इसके लिए सभी जिलों में जिला टास्क फोर्स स्थापित की जाएगी। साथ ही नए जिलों के लिए जिला कार्ययोजना तैयार कर भेजने के लिए कहा गया है। योजना के संचालन के लिए जिलाधिकारी व जिला प्रोबेशन अधिकारी का संयुक्त खाता खोलकर किया जाएगा, जबकि तीन जिलों में केवल जनजागरूकता अभियान ही संचालित किये जाएंगे।
इन जिलों में चलेगी योजना : कानपुर नगर, वाराणसी, इलाहाबाद, कासगंज, औरैया, कानपुर देहात, कन्नौज, बदायूं, हरदोई, बलिया, मीरजापुर, बांदा, भदोही, शाहजहांपुर, अमरोहा, बरेली, चित्रकूट, फतेहपुर, गाजीपुर, गोरखपुर, चंदौली, पीलीभीत, लखनऊ, मुरादाबाद, ललितपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर, आजमगढ़, उन्नाव, खीरी, सुलतानपुर, कौशाम्बी, सोनभद्र, देवरिया, गोंडा, मऊ, रायबरेली, श्रवस्ती, कुशीनगर, बस्ती, सीतापुर, महाराजगंज, फैजाबाद, अंबेडकर नगर, बाराबंकी, बहराइच, सिद्धार्थनगर, रामपुर, संतकबीरनगर व बलरामपुर।
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