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समान काम समान वेतन के मामले में सुनवाई सम्पन्न। सरकार को कोई राहत नही। शिक्षकों को देना होगा समान वेतन

समान काम समान वेतन के मामले में सुनवाई सम्पन्न।  सरकार को कोई राहत नही। शिक्षकों को देना होगा समान वेतन। भारत सरकार के ए एस जी ने एरियर एवं केन्द्रांश के लिये समय मांगा। अगली सुनवाई 12 जुलाई 2018 को होगी ।

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समान काम समान वेतन के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट के 11 बेंच में आयटम नम्बर 04 पर माननीय न्यायाधीश आदर्श कुमार गोयल और रोहिंगटन फली  नारिमन के द्वारा सम्पन्न हुई। बिहार सरकार के वकीलों ने दलील पेश किया कि सरकार समान काम समान वेतन देने में सक्षम नहीं है। सरकार एक विशेष परीक्षा लेकर उत्तीर्ण शिक्षकों के वेतन में अधिकतम 30% वेतन वृद्धि करने को राजी है। केन्द्र सरकार पर्याप्त सहयोग नहीं कर रही है। सरकारी दलीलें को सुनते ही बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के अधिवक्ता निधेश गुप्ता एवं विजय हंसरिया उनपर टूट पड़े और सरकारी दलीलें को चौतरफा ख़ारिज कराने का प्रयास किया। इन दोनों वकीलों ने सरकारी वकीलों की एक न चलने दी। इस पर माननीय न्यायाधीश नारिमन ने सरकारी वकीलों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने स्पष्ट कहा कि, एक विद्यालय में पढाने वाले शिक्षकों के वेतन में अंतर शर्मनाक है। सरकार को समान वेतन देना होगा। केन्द्र सरकार राज्य सरकार को इस मामले में पर्याप्त सहयोग करे। केन्द्र सरकार की ओर से ए एस जी ने एरियर एवं केन्द्रांश के लिये समय मांगा। अगली सुनवाई 12 जुलाई 2018 को होगी। आज एक बार फिर बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के अधिवक्ताओं ने ही सरकारी वकीलों को छक्का छुडाया। संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू की शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक योग्यता   तथा इनके साथ बहाल नियमित शिक्षक कम योग्यता बाबजूद अधिक  वेतन देने को मुख्य मुद्दा बनाकर सरकार द्वारा परीक्षा की दलील को ख़ारिज करा दिया तथा समान काम समान वेतन को जोरदार तरीके से पेश किया। परीक्षा लेकर फिल्टर करने की दलील को ख़ारिज किया गया है।
अगली सुनवाई 12 जुलाई 2018 को
लगभग 45 मिनट तक चली लम्बी बहस
वरिष्ठ अधिवक्ता P चिदंबरम ने की जोरदार बहस*
कोर्ट ने 5 से 6 हजार बढ़ाने की दलील दी
चिदम्बरम साहब ने जोरदार खण्डन करते हुए कोर्ट की दलील को ठुकराई

भारत सरकार के A G वेणुगोपाल ने 4 सप्ताह का समय लिया
आज माननीय न्यायधीश गोयल और रोहिंटन के कोर्ट नम्बर 11 में  आइटम नम्बर 4 पर समान काम समन वेतन पर लगभग 45 मिनट तक लम्बी बहस चली ।
कोर्ट ने 5 से 6 हाजर वेतन बढ़ाने की दलील पेश की जिसका बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के तरफ से उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता P चिदम्बरम ने जोरदार खंडन करते हुए कोर्ट को मशवरा दिया कि वर्तमान में नियोजित  शिक्षको  को जो वेतन मिल रहा वह संवैधानिक दृष्टि कोण से न्यायसंगत नही है जिस पर कोर्ट ने आश्वश्त किया कि इस मुद्दे पर आपको विस्तृत रूप से सुनेंगे । कोर्ट ने चिदम्बरम साहब के दलील को गम्भीरता से सुना ,कोर्ट से भारत सरकार के A G वेणुगोपाल ने 4 सप्ताह के समय लेते हुए आग्रह किया कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार पुनः अध्ययन कर के प्रस्ताव कोर्ट में लायेगा इस पर माननीय न्यायाधीश महोदय ने सुनवाई की अगली तारीख 12 जुलाई निर्धारित की है।
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