कौशांबी : 12460 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के शुरू होने के साथ ही डायट के
छात्रों ने 18 लोगों के नाम जिला प्रशासन को सौंपते हुए फर्जी दस्तावेज के
सहारे नौकरी हथियाने का आरोप लगा दिया। डीएम ने एक समिति बनाते हुए प्रकरण
की जांच का निर्देश दिया। अधिकारियों की जांच में आठ आवेदक फर्जी मिले।
डीएम ने छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का
निर्देश दिया।
मार्च 2017 में 12460 शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन निकाले गए थे। बीटीसी व
टीईटी पास करीब 550 छात्रों ने इसके लिए आवेदन किया था। करीब एक माह बाद
पहली काउंस¨लग भी करा ली गई। इसके बाद भर्ती प्रक्रिया फंस गई। शासन की ओर
से दोबारा प्रक्रिया शुरू की गई तो डायट के छात्रों ने 18 लोगों के नाम
प्रकाश में लाते हुए उनके दस्तावेजों को फर्जी करार दिया। छात्रों की
शिकायत पर डीएम ने डायट प्राचार्य प्रमोद कुमार व बीएसए एमआर स्वामी के
अध्यक्षता में कमेटी बनाते हुए जांच का निर्देश दिया। जांच कमेटी ने शनिवार
को आठ आवेदकों के दस्तावेजों को फर्जी पाते हुए अपनी रिपोर्ट डीएम को भेज
दी है।
मिली हैं कमियां
जिन आवेदकों ने फर्जी दस्तावेज के सहारे शिक्षक बनने के लिए आवेदन किया
था। उन्होंने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान कौशांबी से ही बीटीसी की
डिग्री ली है। प्रशिक्षण के दौरान जिन डिग्री का प्रयोग किया गया था।
शिक्षक बनने के लिए आवेदन करते समय दूसरी डिग्री का प्रयोग किया गया है।
इसकी जानकारी डीएम को दी गई है। इनके मूल दस्तावेज कौन से हैं इसकी भी जांच
होगी।
- प्रमोद कुमार, डायट प्राचार्य कौशांबी
कहते हैं अधिकारी
- शिक्षक बनने के लिए आठ लोगों ने फर्जी दस्तावेज लगाकर आवेदन किया था।
जांच में उनके नाम सामने आ गए हैं। उनको भर्ती से बाहर करते हुए प्रक्रिया
शुरू किए जाने का निर्देश दिया गया है।
- मनीष कुमार वर्मा, डीएम कौशांबी
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