सरकारी कामकाज में न करें दलित शब्द का इस्तेमाल: केंद्र का आग्रह

अनुसूचित जातियों के पर्याय बने दलित शब्द की सरकारी दस्तावेजों से जल्द विदाई होने वाली है। केंद्र ने राज्यों और अपने अधीनस्थ विभागों से आग्रह किया है कि वे सरकारी कामकाज में अनुसूचित जातियों के लोगों के लिए दलित शब्द का इस्तेमाल करना बंद करें।
उसने इसकी जगह संवैधानिक शब्दावली अंग्रेजी में शेड्यूल्ड कास्ट (एससी), हंिदूी में अनुसूचित जाति और अन्य राजभाषाओं में इसका उपयुक्त अनुवाद इस्तेमाल करने की सलाह दी है। केंद्र के अनुसार, संविधान में कहीं भी दलित शब्द का उल्लेख नहीं है। इसके लिए उसने मप्र हाई कोर्ट के एक फैसले का भी हवाला दिया है।1भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रलय ने इसको लेकर 15 मार्च को राज्यों एवं केंद्र शासित क्षेत्रों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजा है। इसके अनुसार, ‘सभी राज्य सरकारों व केंद्र शासित क्षेत्रों के प्रशासन से आग्रह किया जाता है कि वे संविधान के अनुच्छेद 341 के तहत राष्ट्रपति द्वारा अधिसूचित अनुसूचित जाति के लोगों के लिए केवल संवैधानिक शब्दावली अंग्रेजी में शेड्यूल्ड कास्ट या हंिदूी सहित अन्य राजभाषाओं में इसके उपयुक्त अनुवाद का ही प्रयोग करें।
एससी, अनुसूचित जाति या अन्य शब्द के प्रयोग को कहा
कहा, संविधान में कहीं भी दलित शब्द का उल्लेख नहीं

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