इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा के स्कूलों में नए सत्र में पठन-पाठन का माहौल
बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। स्कूलों की मॉनीटरिंग करने वाले खंड
शिक्षा अधिकारियों के बड़े पैमाने पर तबादले हुए हैं। उनमें से अधिकांश एक
ही मंडल व जिलों में वर्षो से जमे रहे हैं।
हालांकि इस फेरबदल में कुछ ऐसे
भी अधिकारी उन जिलों में तैनाती पाने में सफल हो गए हैं जहां नियुक्ति के
दौरान पर उन पर गंभीर आरोप लगे थे।1शासन ने खंड शिक्षा अधिकारियों की अलग
से तबादला नीति नहीं जारी की है, बल्कि निर्देश दिया गया था कि घोषित हो
चुकी नीति के तहत फेरबदल किया जाए। इसमें मंडल व जिलों में लंबे समय से
तैनात अफसरों को दूसरे मंडल व जिलों में भेजे जाने के निर्देश हैं। उसी के
तहत हर जिले में तैनात अफसरों की पूरी रिपोर्ट शिक्षा निदेशालय ने तलब की
थी। वह रिपोर्ट आने के बाद अपर निदेशक बेसिक शिक्षा कीर्ति गौतम की ओर से
करीब 175 से अधिक अफसरों को इधर से उधर किया गया है। निर्देश है कि वह नई
तैनाती स्थल पर तत्काल कार्यभार ग्रहण कर लें। असल में सरकार का जोर है कि
प्राथमिक स्कूलों में पाठ्यक्रम के अनुरूप बेहतर पढ़ाई हो। उसके लिए
शैक्षिक कैलेंडर व हर दिन व घंटे में क्या पढ़ाया जाना है यह तक तय है, फिर
भी मानक के अनुरूप पढ़ाई नहीं हो पा रही है। इसकी निगरानी करने की पहली
जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारी पर रहती है। यह अफसर एक ही जगह अर्से से जमे
होने के कारण विभागीय राजनीति व शिक्षकों की हाजिरी जांचने में ही व्यस्त
रहते हैं। गिने-चुने खंड शिक्षा अधिकारी निरीक्षण में पठन-पाठन का हाल लेते
रहे हैं।
0 تعليقات