एनबीटी ब्यूरो, लखनऊ : प्रदेश भर के शिक्षामित्र शुक्रवार से सरकार की
वादाखिलाफी के खिलाफ सत्याग्रह पर बैठेंगे। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री के
आश्वासन के बाद बनी कमिटियों में क्या हुआ, इसका आज तक कुछ पता नहीं है।
बुधवार
को यूपी प्राथमिक शिक्षामित्र संयुक्त संघर्ष मोर्चा की बैठक दारुलशफा में
हुई। मोर्चे के संयोजक गाजी इमाम आला और सह संयोजक अनिल कुमार यादव ने
बताया कि गांधीवादी ढंग से आंदोलन किया जाएगा। समायोजन निरस्त होने के बाद 3
अगस्त और 23 अगस्त को पिछले साल मुख्यमंत्री से बातचीत हुई थी। सरकार ने
शिक्षामित्र संगठनों से प्रस्ताव मांगा था, जिसे 30 अगस्त को अपर मुख्य
सचिव बेसिक शिक्षा आरपी सिंह को सौंपा गया था। इसके बाद मुख्यमंत्री ने
पांच सदस्यीय कमिटी गठित थी, जिन्हें शिक्षामित्रों के संबंध में सार्थक व
विधि सम्मत निर्णय लेने के लिए कहा गया था। करीब 10 महीने बाद भी कमिटि ने
क्या निर्णय किया, इसे सार्वजनिक नहीं किया गया है। नेताओं ने दावा किया कि
अब तक 500 से अधिक शिक्षामित्र आत्महत्या कर चुके हैं लेकिन शासन का रवैया
संवेदनहीन बना हुआ है। उन्होंने मांग की कि उत्तराखंड की तरह यहां भी
संशोधन लागू कर समान कार्य और समान वेतन की व्यवस्था लागू की जाए।
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