109 स्कूलों में टीचर नहीं, शिक्षामित्रों ने संभाल रखी है कमान

गर्मी की छुट्टी के बाद बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूल आज से खुल जाएंगे। दो जुलाई से खुलने वाले इन स्कूलों की दशा में कोई सुधार नहीं हुआ है। जिले के अधिकांश स्कूलों में रंगाई-पुताई नहीं हुई।
246 स्कूलों में शौचालयों की दशा इतनी खराब है कि बच्चे उसे प्रयोग नहीं कर सकते हैं। 723 स्कूलों में एक साल से हैंडपंप खराब हैं, मगर अभी तक ठीक करने के लिए कोई ठोस पहल नहीं हुई है।
सोमवार से खुलने वाले स्कूलों में गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने का दावा एक बार फिर फेल हो गया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस वर्ष कोई तैयारी नहीं की है। सिर्फ कागजों पर आदेश और निर्देश का क्रम जारी है। जिले में 2042 प्राइमरी स्कूल, 733 मिडिल स्कूल हैं। इन स्कूलों में 6,458 अध्यापक-अध्यापिकाएं, 2607 शिक्षामित्र और 460 अनुदेशकों की तैनाती की गई है। जिले के 109 स्कूल  ऐसे हैं, जहां एक भी अध्यापक की तैनाती नहीं की गई है। इन स्कूलों में शिक्षामित्र या बगल के अध्यापकों ने कमान संभाल रखी है। स्कूलों की दशा इतनी खराब है कि विभागीय अधिकारी सुधारने का प्रयास भी करें, तो सफलता मिलने वाली नहीं है। जिले के 1,845 स्कूलों में बाउंड्रीवाल नहीं है। इससे इन स्कूलों में आवारा पशुओं का बोलबाला रहता है। स्कूलों की साफ-सफाई और रंगाई-पुताई के लिए प्रतिवर्ष धनराशि दी जाती है। इसके बावजूद टूटी बाउंड्री, टूटी फर्श और टूटी खिड़कियां नजर आती हैं।