मैनपुरी। समायोजन निरस्त होने के बाद अपने घर से 30 से 40 किमी दूरी पर
नौकरी कर रहे शिक्षामित्रों के लिए खुश खबरी है। शासन के निर्देश के बाद
बीएसए ने इन शिक्षामित्रों को अपने मूल विद्यालय पर तैनाती के लिए विकल्प
मांगे हैं।
शिक्षामित्रों को अखिलेश सरकार ने सहायक अध्यापक के पद पर वर्ष
2014 व 2015 में समायोजित किया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 25 जुलाई
2017 को उनका समायोजन निरस्त कर दिया था। तब से शिक्षामित्र समायोजित
विद्यालय पर ही कार्य कर रहे थे। शिक्षामित्रों का वेतन 38-40 हजार से घटकर
मात्र 10 हजार मानदेय रह गया था, लेकिन जनपद में एक हजार से अधिक
शिक्षामित्र 30 से 40 किमी दूरी पर नौकरी कर रहे थे। शासन के इस निर्णय के
बाद उन्होंने राहत की सांस ली है। अब अपने घर से दूर नौकरी करने वाले
शिक्षामित्र अपने मूल विद्यालय पर जहां शिक्षामित्र पद के लिए चयन पाया था
नौकरी कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें बीएसए द्वारा जारी किया गए निर्धारित
प्रपत्र पर विकल्प पत्र भर कर देना होगा।
मैनपुरी। शासन ने महिला शिक्षामित्रों के लिए तीन विकल्प दिए हैं। वे चाहें
तो मूल विद्यालय के अतिरिक्त अपनी ससुराल वाले स्कूल या फिर जहां उनका पति
निवास कर रहा है उस स्थान वाले स्कूल पर नौकरी कर सकेंगी। इसके लिए उन्हें
निर्धारित प्रारूप पर विकल्प पत्र भरना होगा। बीएसए ने समायोजित
शिक्षामित्रों को निर्देश दिए हैं कि वे जहां नौकरी कर रहे हैं उस क्षेत्र
के बीआरसी केंद्र पर पहुंचकर अपना विकल्प पत्र 24 जुलाई को दोपहर एक बजे तक
निर्धारित प्रारूप पर जमा कराना सुनिश्चित करें। बीएसए विजय प्रताप सिंह
ने सभी खंड शिक्षाधिकारियों के साथ रविवार को बैठक की। बैठक में
शिक्षामित्रों के मूल विद्यालय पर भेजने के संबंध में वार्ता हुई। बीएसए ने
खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे निर्धारित प्रारूप पर
शिक्षामित्रों से सूचना प्राप्त कर उनके कार्यालय में पटल सहायक को 25
जुलाई की शाम चार बजे तक स्वयं उपस्थित होकर प्रदान करें।
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