इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से प्रशिक्षित स्नातक व
प्रवक्ता (टीजीटी-पीजीटी) 2016 के आठ विषयों का विज्ञापन निरस्त होने से
सबसे बड़ा झटका जीव विज्ञान के 67 हजार से अधिक दावेदारों को लगा है।
चयन
बोर्ड ने यह कदम माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड के पत्र के बाद
उठाया है। ऐसे में सभी पीड़ित दावेदारों की निगाहें फिर यूपी बोर्ड पर
टिकीं हैं, क्योंकि शिक्षक चयन की अर्हता में बदलाव यूपी बोर्ड ही कर सकता
है। 1चयन बोर्ड टीजीटी शिक्षक चयन में जीव विज्ञान व विज्ञान विषय के लिए
अलग पद घोषित करके भर्तियां करता रहा है और दोनों की अर्हता भी अलग रही
हैं। मसलन जीव विज्ञान के लिए वहीं अभ्यर्थी अर्ह होते थे जो वनस्पति
विज्ञान, जंतु विज्ञान लेकर बीएससी करें और बीएड भी किया हो। वहीं, विज्ञान
विषय के लिए वे अभ्यर्थी होते रहे हैं जो भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान से
बीएससी करें और बीएड भी किए हों। जबकि, केंद्रीय विद्यालयों में वनस्पति
विज्ञान, जंतु विज्ञान व रसायन विज्ञान में से कोई दो विषय लेकर बीएससी व
बीएड करने वाले टीजीटी शिक्षक को अर्ह होते हैं। अभ्यर्थी केंद्रीय
विद्यालय की अर्हता चयन बोर्ड में लागू करने की मांग करते रहे हैं लेकिन,
अनसुनी होने पर उन्होंने ही जीव विज्ञान विषय ही न होने का मुद्दा उठाया।
जिससे अब हजारों अभ्यर्थी अधर में हैं। जीव विज्ञान के लिए आवेदन करने
वालों की परेशानी यह है कि वे अभी दूसरे किसी विषय के लिए अर्ह नहीं है।
इसके लिए यूपी बोर्ड अर्हता में बदलाव करें, तभी उन्हें राहत मिल सकती है।
1ये भर्ती बन सकती है मानक 1चयन बोर्ड में सामाजिक विषय के शिक्षक चयन में
चार विषय इतिहास, भूगोल, नागरिक शास्त्र व अर्थशास्त्र में से दो विषय लेकर
स्नातक व बीएड करने वाले दावेदारी कर सकते हैं। अभ्यर्थियों की मांग है कि
जब जीव विज्ञान विषय नहीं है तो विज्ञान विषय में भी चार विषयों भौतिक
विज्ञान, रसायन विज्ञान, वनस्पति विज्ञान व जंतु विज्ञान में से दो विषयों
में बीएससी व बीएड करने वालों को मौका दिया जाए। ऐसा होने पर जीव विज्ञान
के दावेदार आसानी से विज्ञान पद के लिए अर्ह होकर नया आवेदन कर सकेंगे।
हालांकि यूपी बोर्ड की सचिव ने तीन अप्रैल को मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजे
पत्र में कहा है कि उन्होंने विज्ञान विषय की अर्हता संशोधित करने का
प्रस्ताव भेजा है लेकिन, उस प्रस्ताव में किन विषयों का जिक्र है इसका
खुलासा नहीं किया है।
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