यूपी की राजधानी लखनऊ में बुधवार को शिक्षामित्रों के ईको गार्डेन में
किए गए जोरदार प्रदर्शन से प्रदेश सरकार बैकफुट पर आ गई है। आपकों बता दें
कि बुधवार को शिक्षामित्रों ने बाल कटाकर प्रदर्शन किया था, पुरुषों से
लेकर महिलाओं ने बाल को कटवाये थे।
उनके इस प्रदर्शन से सरकार पूरी तरह से
सकते में आ गई।
राज्य सरकार ने शिक्षा मित्रों की समस्याओं के समाधान के लिए उप
मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी है। कमेटी
में बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रभात कुमार सहित अन्य
अधिकारियों को शामिल किया गया है।
कमेटी शिक्षा मित्रों की सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति, विशेष बीटीसी
कराने, मानदेय बढ़ाने सहित अन्य मुद्दों पर अपनी राय देगी। बुधवार को
शिक्षा मित्रों की ओर से राजधानी में मुंडन और जनेऊ त्याग आंदोलन के बाद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उप मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कमेटी गठित
करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने बताया कि सरकार शिक्षा
मित्रों की समस्या के प्रति गंभीर है। योगी सरकार ने ही शिक्षा मित्रों का
मानदेय बढ़ाकर10 हजार रुपये किया है।
शिक्षा मित्रों को उनके मूल विद्यालय में तैनाती के आदेश दिए हैं। इतना ही
नहीं शिक्षा मित्रों को तैनात करने के लिए सरप्लस सहायक अध्यापकों को दूसरे
जिले में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए हैं। 68,500 सहायक अध्यापकों की
भर्ती में भी बोनस अंक दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा मित्रों की इस
हालत के लिए पूर्ववर्ती सपा सरकार जिम्मेदार है।
शिक्षामित्रों ने समायोजन निरस्त होने के फैसले का बुधवार को एक साल
पूरा होने पर इसे काला दिवस के रूप में मनाया. पिछले वर्ष 25 जुलाई को ही
शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त हुआ था। तब से अब तक करीब 704
शिक्षामित्रों की हुई मौत पर उनकी आत्मा की शांति के लिए शिक्षामित्रों ने
ईको गाडर्न में सामूहिक मुंडन कर तर्पण किया. इसके लिए 63 महिला और 450
पुरुष शिक्षा मित्रों ने लखनऊ में सिर मुंडवाकर प्रदर्शन कर सरकार विरोधी
नारे लगाए।
आम शिक्षक शिक्षा शिक्षामित्र ऐसोसिएशन की अध्यक्ष उमा देवी ने बताया कि
बुधवार देर शाम तक 513 शिक्षा मित्रों ने सिर मुंडवाए। उन्होंने कहा कि जब
तक उन्हें फिर शिक्षक नहीं बना दिया जाता वे यह लड़ाई जारी रखेंगे।
प्रदर्शन के दौरान देवरिया निवासी शिक्षा मित्र अंबिका तिवारी बेहोश हो
गईं, जिन्हें लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्राथमिक उपचार के बाद
अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
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