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महिला शिक्षामित्र ने सिर मुंडवाए छात्रों के साथ शेयर की फोटो, खड़े हुए ये सवाल सिर मुंडवाए बच्चों के साथ महिला शिक्षामित्र सुमन

महिला शिक्षामित्र ने सिर मुंडवाए छात्रों के साथ शेयर की फोटो, खड़े हुए ये सवाल
हालांकि, महिला शिक्षामित्र इन आरोपों को खारिज कर रही है. उसका कहना है कि छात्रों ने खुद उनके सिर मुंडवाने पर अपना भी मुंडन करवा लिया.

महिला शिक्षामित्र ने सिर मुंडवाए छात्रों के साथ शेयर की फोटो, खड़े हुए ये सवाल सिर मुंडवाए बच्चों के साथ महिला शिक्षामित्र सुमन
  
News18 Uttar Pradesh
Updated: July 27, 2018, 4:53 PM IST
25 जुलाई को शिक्षामित्रों के समायोजन रद्द होने के एक साल पूरे होने पर लखनऊ के ईको गार्डन में शिक्षामित्रों ने अपना सिर मुंडवाकर विरोध दर्ज कराया था. लेकिन अब इन्हीं शिक्षामित्रों से पढ़ने वाले छोटे मासूम बच्चों के सिर मुंडवाए फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. हालांकि, इन फोटो को देखकर अब शिक्षामित्रों पर ही सवाल खड़े होने लगे हैं.
दरअसल, रायबरेली की एक शिक्षामित्र ने अपने साथ ही स्कूली बच्चों का सिर मुंडे फोटो शेयर किए हैं, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. हालांकि, महिला शिक्षामित्र का कहना है कि छात्रों ने खुद उनके सिर मुंडवाने पर अपना भी मुंडन करवा लिया. लेकिन सवाल यह है कि जिन छात्रों ने मुंडन करवाया है वे एक और दो के छात्र हैं. उन्होंने अपने विवेक से ऐसा फैसला कैसे ले लिया. मामला रायबरेली के पूरे लोधन प्राथमिक विद्यालय का है.
फिलहाल शिक्षामित्र ने सिर मुंडवाए छात्रों के साथ अपनी फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की है जो इन दिनों वायरल हो रहा है. महिला शिक्षामित्र सुमन ने कहा कि 'मैंने किसी को सिर मुंडवाने के लिए नहीं कहा. स्कूल पहुंची तो बच्चे क्लास में सिर मुंडाकर आए थे.'
शिक्षामित्र सुमन ने कक्षा 1 और 2 के सिर मुंडवाए करीब 8 बच्चों साथ अपनी फोटो व्हाट्सएप्प पर शेयर की. जिसके बाद लोगों ने इस फोटो को ट्विटर समेत अन्य सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया. लेकिन सवाल यह है कि कक्षा 1-2 के इन मासूम बच्चों को क्या इतनी समझ है कि पढ़ाने वाली टीचर को देखकर उनके समर्थन में या उनसे प्रेरित होकर अपने बाल खुद मुंडवा लें? वहीं इस फोटो के बाद अब ऐसा ही एक और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जो कि बुलंदशहर के स्कूल का होने का दावा किया जा रहा है.
बता दें 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक बनाए गए लगभग 1.37 लाख शिक्षामित्रों के समायोजन को असंवैधानिक करार दिया था. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद लाखों शिक्षामित्र निराश हुए थे. सैकड़ों शिक्षामित्रों ने आत्महत्या कर ली थी. फैसले के बाद लखनऊ के लक्ष्मण मेला ग्राउंड पर कई दिनों तक लगातार धरना प्रदर्शन का दौर चला था. साल भर चले आंदोलन के दौरान अब तक 700 से ज्यादा शिक्षामित्रों की जान जा चुकी है. बुधवार को समायोजन रद्द होने के एक साल के अवसर पर शिक्षामित्र काला दिवस के रूप में मनाया. राजधानी लखनऊ में शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द करने के विरोध में सैकड़ों शिक्षामित्र महिलाओं ने मुंडन करवाया. उनकी मांग है कि शिक्षामित्र मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाए और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए.

(रिपोर्ट: शैलेश अरोड़ा)

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