- VIDEO : शिक्षामित्र मुद्दे को लेकर अखिलेश यादव जी क्या कहते हैं सुनें
- UPTET 2017 मामले में टीम रिज़वान अंसारी ने कोर्ट में दायर की विशेष परिवर्द्धित याचिका, पढें पूरा विवरण आखिर क्या है नया मामला
- 7th Pay Commission Arrears: जानिए कितना बनेगा सातवें वेतनमान में आपका एरियर
- 1111 रिक्त पदों पर सीधी भर्ती के लिए आयोग से विज्ञापन जारी, ऑनलाइन आवेदन शुरू
- प्रदेश में भर्तियाँ न हुईं तो खाली नजर आएंगे सरकारी महकमे, इस वक्त करीब 3.5 लाख पद रिक्त हैं सरकारी विभागों में
- प्रशिक्षु शिक्षक चयन 2011 के अन्तर्गत सहायक अध्यापक के पद पर प्रथम बैच में मौलिक नियुक्ति प्राप्त सहायक अध्यापकों का हाईस्कूल, इन्टरमीडिएट, स्नातक और बी. एड. अंक पत्रों का सत्यापन विवरण: महराजगंज
- कोर्ट के फैसले के बाद 1.70 लाख शिक्षामित्र बेरोजगार : समान कार्य, समान वेतन लागू करे सरकार
- एनसीटीई में नवंबर 2010 के पैरा चार में शिक्षामित्रों को शामिल कर टीईटी में छूट प्रदान, मांगों को लेकर किया धरना प्रदर्शन
प्रमाणपत्रों ने अटकाया सम्मान
नगर क्षेत्र के पूर्व माध्यमिक कन्या विद्यालय दोधपुर की इंचार्ज प्रधानाध्यापिका गजाला नसरीन का कहना है कि वे इस पुरस्कार के लिए योग्यता रखती हैं। पिछले साल उनका नाम पुरस्कार के लिए चयनित हुआ था, लेकिन तब जरूरी प्रमाणपत्र नहीं आ पाए थे। इस साल जरूरी प्रमाणपत्र आ गए तो आवेदन की अंतिम तिथि निकल गई। कहा, अब अगले साल आवेदन करेंगी।
शिक्षकों ने नहीं किया आवेदन
सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी बीबी पांडेय ने बताया कि सभी एबीएसए को आवेदन प्राप्त करने के निर्देश थे। मगर, किसी शिक्षक का आवेदन नहीं आया। जिले से इस पुरस्कार के लिए कोई भी नाम नहीं भेजा गया है।
आदर्श शिक्षक में होने चाहिए ये गुण
एक आदर्श अध्यापक अच्छे और श्रेष्ठ गुणों से परिपूर्ण होता है। उन्हें अपने समय का सदुपयोग करना चाहिए, जो अध्यापक समय का पालन करता है और योजना बनाकर विषय अनुसार ज्ञान प्रदान करता है वही सही गुरू कहलाता है। समय बड़ा बलवान होता है।
मृदु भाषी होना जरूरी
हिन्दी भाषा एक मधुर और मीठी भाषा है। एक अध्यापक को ऐसी वाणी बोलनी चाहिए, जिससे बच्चे उन से प्यार करें, उन्हें अपनी भावनाओं और मन की इच्छाओं को व्यक्त करने में कोई झिझक न हों। मृदु भाषी से हम संसार को जीत सकते हैं परन्तु क्त्रोध, अहंकार, लोभ, मद से हमारी हार होती है। अध्यापक अपनी वाणी से बच्चों का मन जीत ले तो बच्चे उन के हो जाते हैं।
धैर्य और सहनशीलता जरूरी
अध्यापक में धैर्य और सहनशीलता होनी चाहिए, जिससे न केवल बच्चे परन्तु आस-पास के लोग उन की प्रशसा के पुल बाधे और उन से आकर्षित हो। शिक्षक में सहनशीलता का होना बेहद जरूरी है। विद्यार्थी यदि गुस्सा दिलाए तो भी सहन कर लेना चाहिए।
बच्चों को दे सभी और संस्कृति का ज्ञान
अध्यापक बच्चों को धर्म, संस्कृति, संगीत और धार्मिक त्योहार से अवगत कराए। त्योहार हिन्दू ,मुस्लिम, बौद्ध, ईसाई के लिए खुशियां और प्यार लाता है। त्योहार रिश्तों के संबंधों को मजबूत बनाता है। रामायण की कथा सुनाकर श्री रामचन्द्र जी, लक्ष्मण जी , शत्रुघ्न तथा भरत के प्रेमको प्रदर्शित करने की कोशिश करें। बच्चों को सभी धर्मो का ज्ञान देना बेहद जरूरी है।
बच्चों को अनुशासन सिखाने वाला हो शिक्षक
अध्यापक को अपने बच्चों को अनुशासन सिखाना चाहिए। व्यक्ति को अपने विकास, जीवन, समाज और राष्ट्र के विकास के लिए अनुशासन बहुत जरूरी है। एक अनुशासित अध्यापक अपने बच्चों का मार्ग दर्शक होता है।
0 Comments