इलाहाबाद : प्रदेश भर के राजकीय माध्यमिक कालेजों में पढ़ने वाले
छात्र-छात्रओं के लिए अच्छी खबर है। कालेजों में 10768 शिक्षकों की कमी का
संकट खत्म होने वाला है। उप्र लोकसेवा आयोग यानि यूपी पीएससी में शिक्षक
भर्ती 2018 का रिजल्ट देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
ऐसे संकेत हैं कि
परिणाम भी जल्द घोषित किया जाएगा। अभ्यर्थियों के ओएमआर भरने की गलतियां
दूर होते ही उसकी स्कैनिंग का कार्य तेज हो जाएगा।
यूपी पीएससी ने राजकीय कालेजों की शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा बीते 29
जुलाई को पहली बार कराई है। सूबे के 39 जिलों के 1760 केंद्रों पर इम्तिहान
कराया गया। इसमें सात लाख 63 हजार 317 अभ्यर्थियों ने दावेदारी की थी,
उसमें से 52.03 फीसदी ही परीक्षा देने पहुंचे। इस परीक्षा के आवेदन से लेकर
इम्तिहान के दिन तक तमाम विवाद रहे हैं लेकिन, परीक्षा शांतिपूर्ण निपट
गई। हालांकि अब भी दो विषयों में आवेदन करने वालों को एक मौका न मिलने का
प्रकरण कोर्ट में चल रहा है। हाईकोर्ट ने यूपी पीएससी व सरकार से जवाब
मांगा है। इसीलिए आयोग प्रशासन अब परीक्षा का परिणाम देने की तैयारियों में
जुट गया है। इन दिनों ओएमआर शीट और प्रश्नपुस्तिका सीरीज का मिलान कराने
की प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा अनुक्रमांक व अन्य ओएमआर में दर्ज होने
वाली अन्य सूचनाएं भी जांची जा रही हैं। अभ्यर्थियों की छिटपुट गलतियों को
सुधारने के बाद ओएमआर की स्कैनिंग कराकर परिणाम तैयार किया जाएगा। सचिव
जगदीश का कहना है कि प्रयास है कि 10 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती का
परिणाम जल्द से जल्द दिया जाए। अभी रिजल्ट की तारीख तय करना संभव नहीं है।
1यूपी पीएससी बोर्ड के पाले में परीक्षा की उत्तरकुंजी : प्रतियोगी
परीक्षाओं में यह नियम है कि एक परीक्षा से ही चयन होने वाले इम्तिहान की
उत्तरकुंजी जारी नहीं की जाती है। यूपी पीएससी की एक परीक्षा से चयन वाली
पहली परीक्षा है इसीलिए इस पर निर्णय नहीं हो पा रहा है। सचिव का कहना है
कि यह प्रकरण यूपी पीएससी के बोर्ड के समक्ष जाएगा और जो निर्णय होगा, उसका
अनुपालन किया जाएगा।
चयन में साक्षात्कार नहीं होगा
शिक्षक भर्ती के पहले ही शासन ने स्पष्ट किया है कि इसमें साक्षात्कार नहीं
होगा यानि लिखित परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों को राजकीय कालेजों में
सीधे नियुक्ति मिलेगी।
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