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इसके अंतर्गत 150 अंकों की लिखित परीक्षा होनी थी। परीक्षा पास करने के लिए सामान्य और ओबीसी संवर्ग के लिए 67 अंक (45 फीसदी) और एससी-एसटी के लिए 60 अंक (40 फीसदी) पाना अनिवार्य था।
परीक्षा की तारीख 27 मई को तय हुई। इसके एक सप्ताह पहले 21 मई को शासन ने परीक्षा का कटऑफ शिथिल करने का आदेश जारी किया था। इसके अंतर्गत सामान्य व ओबीसी संवर्ग के लिए न्यूनतम कटऑफ घटाकर 33 फीसदी (49 अंक) और एससी/एसटी के लिए 30 फीसदी (45 अंक) कर दिया गया।
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इस आदेश के खिलाफ एक अभ्यर्थी दिवाकर सिंह ने हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया था। 24 जुलाई को अपने आदेश में हाईकोर्ट ने 9 जनवरी के ही कटऑफ पर रिजल्ट जारी करने का आदेश जारी कर दिया। इस आदेश के अनुक्रम में शासन ने फिर कटऑफ बदलने का फैसला लिया है।
परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने मांगी थी सलाह
सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा का परिणाम जल्द जारी होना है। कटऑफ को लेकर चल रही उहापोह को देखते हुए परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने शासन से 31 जुलाई को दिशा-निर्देश मांगे थे। इसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव देव प्रताप सिंह ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी को संशोधित कटऑफ के अनुसार रिजल्ट जारी करने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों के अनुसार कटऑफ बढ़ने का रिजल्ट पर काफी असर पड़ सकता है। खासकर शिक्षामित्रों के लिए राह और मुश्किल हो गई है।
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