इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र सपा व बसपा के शासनकाल
की भर्तियों व विज्ञापन को कठघरे में खड़ा चुका है। हाईस्कूल में जीव
विज्ञान व इंटरमीडिएट में संगीत जैसे विषयों के पद तक निरस्त हुए हैं साथ
ही सितंबर में होने वाली टीजीटी-पीजीटी 2016 की लिखित परीक्षा भी अधर में
है।
चयन बोर्ड ने 12 जुलाई को एकाएक यह निर्णय लेकर अभ्यर्थियों के साथ ही
माध्यमिक शिक्षा के अफसरों को भी चौंका दिया था। उसका एक पखवारा बीत गया है
लेकिन, अब तक इस प्रकरण के अगले कदम की तस्वीर साफ नहीं हुई है। इससे
अभ्यर्थी असमंजस में हैं और शासन तक उहापोह का शिकार है। 1चयन बोर्ड ने
टीजीटी-पीजीटी 2016 के विज्ञापन से आठ विषयों के पद निरस्त करने के साथ ही
आश्वस्त किया था कि जिन विषयों के पद निरस्त हुए हैं उसके अभ्यर्थी अर्हता
के अनुरूप दूसरे विषयों के लिए आवेदन कर सकेंगे। इसके लिए जल्द ही वेबसाइट
शुरू की जाएगी उसमें केवल उन्हीं अभ्यर्थियों के मान्य होंगे जिन पदों का
आवेदन निरस्त हो चुका है। इतना ही नहीं यूपी बोर्ड सचिव ने विज्ञान विषय
आदि की अर्हता बदलने का प्रस्ताव तक शासन को भेज चुका है। इसके बाद भी न तो
अर्हता के बदलाव हुआ और न ही निरस्त पदों के संबंध में अब तक अगली
कार्रवाई हो सकी है। इससे लिखित परीक्षा पर संशय बना है कि आखिर यह
इम्तिहान कब होगा। ज्ञात हो कि 2016 में टीजीटी के 7950 पदों के लिए साढ़े
छह लाख व पीजीटी के 1344 पदों के लिए करीब साढ़े चार लाख आवेदन हुए थे।
उनमें से प्रदेश भर के करीब सत्तर हजार अभ्यर्थी चयन बोर्ड के निर्णय का
शिकार हुए हैं। प्रतियोगी इस मामले को आंदोलन की रूपरेखा बनाने में जुटे
हैं।
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