10 लाख कॉपियों की होगी स्क्रूटनी, हुए फेल तो जाएगी नौकरी, राज्य सरकार ने लिया फैसला

लखनऊ. प्रदेश में 68,500 शिक्षकों की भर्ती पर अभी तक कोई फैसला नहीं आया है। राज्य सरकार ने सहायक अध्यापक भर्ती के लिए हुई परीक्षा की सभी कापियों की स्क्रूटनी कराने का फैसला किया है।
68500 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में सफल घोषित किए गए अभ्यर्थी अगर कॉपियों की स्क्रूटनी में फेल होते हैं तो उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। जो अभ्यर्थी चयनित घोषित होंगे, उन्हें नौकरी दी जाएगी। जानकारी देते हुए बेसिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव डा. प्रभात कुमार ने बताया कि सरकार ने समिति से शिकायतों की जांच कराने के अलावा सभी कापियों की स्क्रूटनी कराने का भी फैसला किया है। इसमें कुल 10,7,873 कापियों की स्क्रूटनी एक सप्ताह में करा ली जाएगी। उन्होंने कहा कि स्क्रूटनी से कापियों के गलत मूल्यांकन की पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी। बता दें कि 68500 सहायक अध्यापक की परीक्षा 27 मई 2013 को हुई थी। 13 अगस्त 2018 में इसका रिजल्ट घोषित हुआ था।
गठित की गई जांच टीम
प्रदेश सरकार ने पूरे मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है। समिति अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में जुट गई है। बता दें कि अब तक समिति के पास पांच सौ से अधिक शिकायतें पहुंची हैं। जिसकी जांच की गई तो उसमें से सौ से अधिक अभ्यर्थियों की शिकायतें सच मिली है।भर्ती परीक्षा की कापियों के मूल्यांकन और नंबर जोड़ने में गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद सरकार ने गन्ना विभाग के प्रमुख सचिव संजय आर भूसरेड्डी की अगुवाई में समिति का गठन किया था। समिति के दो सदस्य सर्व शिक्षा अभियान के निदेशक वेदपति मिश्र व बेसिक शिक्षा निदेशक डा. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह दो बार परीक्षा संस्था कार्यालय का दौरा कर चुके हैं। अभ्यर्थियों ने भी उनसे मुलाकात करके अपनी शिकायतें दर्ज कराई हैं। सरकार बुधवार को इस मामले में अब तक की कार्रवाई की स्टेटस रिपोर्ट भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में पेश करेगी।

बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉक्टर प्रभात कुमार के अनुसार पूरे मामले में पूरी पारदर्शिता से जांच होगी। जांच के बाद अगर कोई अभ्यर्थी क्वालिफाई होने के बाद भी चयनित होने से रह गया होगा तो उसे पूरा अवसर दिया जाएगा। वहीं दोषियों पर कार्रवाई भी होगी। अगर कोई गड़बड़ी जानबूझ कर की गई होगी तो दोषी पर क्रिमिनल एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।