शिक्षा मित्रों से भी दयनीय है उच्च शिक्षा के असिस्टेंट प्रोफेसर

शाहजहांपुर : विश्वविद्यालय के एडेड व स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के असिस्टेंट प्रोफेसर की दशा शिक्षा मित्र व अनुदेशकों से भी दयनीय है। वह सात से 12 हजार मानदेय में पढ़ा रहे है। ऐसे शिक्षकों की संख्या प्रदेश में पांच हजार के पार है।
कई महाविद्यालयों में अनुमोदित शिक्षक की जगह परास्नातक उपाधि धारक शिक्षक अवैध रूप से पढ़ाते हैं। उच्च शिक्षा उत्थान समिति इस मामले में शिकायत भी कर चुकी है, लेकिन अभी कोई हल नहीं निकला। हालांकि आधार कार्ड की अनिवार्यता से फर्जीवाड़ा रोकने का प्रयास शुरू कर दिया गया है।

प्रदेश में 331 अनुदानित कालेजो में कुल 3545 स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों
के शिक्षक है। 1998 में अनुदानित कालेजो में स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम शुरू किए गए। प्रबन्धको ने नो प्रोफिट नो लॉस का शपथ पत्र देकर इन पाठ्यक्रमो की परमिशन ली। शासनादेश में तय किया गया था कि इन पाठ्यक्रमो में होने वाले प्रवेश फीस को एक ही सकल खाते में रखकर उसका 80 प्रतिशत शिक्षकों की वेतन पर
खर्च किया जाएगा। किन्तु प्रबन्धको ने शासनादेश का पालन नही किया। व्यवहार में आय का
पांच प्रतिशत भी वेतन पर दिया जा रहा है। नतीजतन आज भी एसोसिएट और अस्सिस्टेंट प्रोफेसर शिक्षामित्रों से भी कम वेतन पा रहे हैं।
सेवा नियमावली भी नहीं
शिक्षकों की न कोई सेवा नियमावली है न जॉब सुरक्षा। नतीजतन उनका जमकर शोषण होता है। बदायूं के शिक्षिका दीपशिखा को तो महिला आयोग तक शिकायत को मजबूर होना पड़ा। शाहजहांपुर में भी कई अनुमोदित शिक्षक शोषण के शिकार है। रुहेलखण्ड विवि के 29 कॉलेज अनुदानित है। इनके स्ववित्तपोषित शिक्षकों की करीब 500 है। एमजेपी रुहेलखण्ड विवि स्ववित्तपोषित शिक्षक संघ के महासचिव डॉ संजय दूबे
बताते है कि वर्ष 2004 से शिक्षक अपनी दशा सुधारने के प्रति आंदोलित है। शिक्षकों ने अनुदानित महाविद्यालयों के स्व वितपोषित पाठ्यक्रमो को अनुदान में लेकर शिक्षकों के विनियमितीकरण की लड़ाई लड़ी।
वर्ष 2006 में तत्कालीन सरकार ने बीएड पाठ्यरकमो को अनुदान में ले लिया,शेष
विषय छोड़ दिए। वर्ष 2016 में नेक ए मान्यता प्राप्त 19 कालेजो के
स्ववित्तपोषित शिक्षकों को राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के दायरे में लाकर
वहां के स्व वित्तपोषित शिक्षकों को मानदेय दे दिया गया।
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आज राज्यपाल के सामने उठ सकता मामला

एमजेपी रुहेलखण्ड विवि स्ववित्तपोषित शिक्षक संघ राज्यपाल व उच्च शिक्षा मंत्री बरेली आगमन पर मामला उठा सकता है। इस बावत यहां संघ की बैठक भी हुई।